कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान ने कि ‘देश की सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई है’, देश को झकझोर कर रख दिया है। सोनिया ने मंगलवार को कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि अप्रैल-मई 2020 से लेकर अब तक चीनी सेना ने पैंगोग त्सो, गलवान घाटी में हमारी सीमा में घुसपैठ की है लेकिन सरकार अपने चरित्र के अनुरूप सच्चाई से मुंह मोड़ रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि घुसपैठ की जानकारी 5 मई को आई लेकिन समाधान के बजाय देश की स्थिति तेज़ी से बिगड़ती गई और 15-16 जून को हिंसक झड़पें हुईं जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए और कई घायल हो गए।
लॉकडाउन के मुद्दे पर सोनिया गांधी ने कहा कि तीन महीने के सख्त लॉकडाउन के कारण देश में ग़रीबी बढ़ गई है और लोगों के रोज़गार जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के बीच राशन का संकट पैदा हो गया है और ऐसे वक्त में जनता की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
सोनिया ने कहा कि ग़रीब परिवारों की एक बहुत बड़ी संख्या सार्वजनिक वितरण प्रणाली से बाहर है और ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि सभी परिवारों को अस्थायी राशन कार्ड जारी कर उन तक राहत सामग्री की पहुंच सुनिश्चित करे।
पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों का मुद्दा
सोनिया ने कहा, ‘वैश्विक बाज़ार में जब कच्चे तेल की क़ीमतें लगातार गिर रही हैं, ऐसे में केंद्र सरकार ने लगातार 17 दिनों तक पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में बढ़ोतरी करके जनता की मुसीबतें और बढ़ा दी हैं और इस वजह से भारत की अर्थव्यवस्था 42 सालों में पहली बार मंदी की ओर जा रही है।’
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केंद्र ने अपनी सारी जिम्मेदारियां राज्य सरकारों पर डालकर पल्ला झाड़ लिया और उन्हें कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता नहीं दी गई। लोगों को ख़ुद की रक्षा करने के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।
सोनिया गांधी, अध्यक्ष, कांग्रेस
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि जिस हिम्मत के साथ कोरोना महामारी से निपटा जाना चाहिए था, वैसे नहीं निपटा गया। उन्होंने कहा कि इस समय सीमा पर भी संकट चल रहा है और अगर इससे मजबूती से नहीं निपटा गया तो स्थिति काफ़ी गंभीर हो सकती है।
कार्यसमिति की बैठक में पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, अधीर रंजन चौधरी, पी. चिदंबरम, ए.के.एंटनी, ग़ुलाम नबी आज़ाद सहित कई लोग मौजूद रहे।
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