Xi Jingping says he is watching Kashmir but why does @PMOIndia/MEA not say 1)We are watching Pro Democracy protests muzzled in Hong Kong. 2 )We are watching human rights violations in Xinjiang. 3 )We are watching continued oppression in Tibet 4 )We are watching South China Sea
— Manish Tewari (@ManishTewari) October 10, 2019
बुधवार को चीन की सरकारी समाचार एजेन्सियों ने कहा था कि चीन जम्मू-कश्मीर की स्थिति पर नज़र रखे हुए है और दोनों देशों को बातचीत से यह मामला सुलझा लेना चाहिए। यह भी कहा गया था कि चीन अपने मित्र पाकिस्तान के साथ खड़ा रहेगा और उसके हितों की रक्षा करने में मदद करेगा। चीन यह भी कह चुका है कि पाकिस्तान के साथ उसकी दोस्ती चट्टान की तरह अटूट है। लेकिन बुधवार को ही भारत ने इस पर कड़ा विरोध जताया था। भारत ने दो-टूक शब्दों में बीजिंग को चेतावनी दी थी कि चीन उसके आंतरिक मामलों में दख़ल न दे।
भारत-चीन के बीच यह विवाद ऐसे समय में हो रहा है जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को भारत आ रहे हैं। शी जिनपिंग और नरेंद्र मोदी की मुलाक़ात तमिलनाडु के महाबलीपुरम में होगी।
अनुच्छेद -370 पर दिया पाक का साथ
अगस्त के पहले सप्ताह में जब भारत ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद -370 के प्रावधानों को निरस्त कर दिया था तब चीन ने अपनी भौंहें तान ली थीं। जम्मू-कश्मीर पर अपनी घोषित नीति में बदलाव लाते हुए चीन ने न केवल पाकिस्तान का साथ दिया था बल्कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी भारत विरोधी प्रस्ताव को लाने की जुर्रत की थी। लेकिन चीन को इसमें मुंह की खानी पड़ी थी। मसूद अजहर के मामले में भी चीन ने उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयासों को कई बार रोका था।
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