वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किये बजट को लेकर विपक्षी दलों के नेताओं ने निराशाजनक बताया है। दूसरी ओर, स्वाभाविक रूप से बीजेपी नेताओं ने बजट को आम जनता का हितैषी बताया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि मोदी सरकार सुधारों में विश्वास नहीं रखती और वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे के हर आइडिया को दरकिनार कर दिया है।
चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री 2019-20 के बजट के किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करने में असफल रहीं और इस बात का कोई भरोसा नहीं है कि वह 2020-21 में तय किये गये लक्ष्यों को हासिल कर पायेंगी।
चिदंबरम ने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था मांग और निवेश चाहती है। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में इन दोनों चुनौतियों पर कोई बात नहीं की है और यह बेहद दुखद है। वित्त मंत्री ने इन दोनों चुनौतियों को लेकर कोई क़दम उठाने की बात नहीं की और कोई हल भी पेश नहीं किया है।’ वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर ये दोनों चुनौतियां बनी रहती हैं तो अर्थव्यवस्था की हालत नहीं सुधरेगी और ग़रीब और मध्य वर्ग को कोई राहत नहीं मिलेगी।
चिदंबरम ने कहा, बजट में ऐसा कुछ नहीं है जिससे इस बात का विश्वास हो कि 2020-21 में विकास की गाड़ी अपनी पटरी पर लौटेगी। उन्होंने कहा कि अगले साल 6 से 6.5 प्रतिशत की वृद्धि का दावा आश्चर्यजनक और ग़ैर-जिम्मेदाराना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थी। लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ। दिल्ली बीजेपी की प्राथमिकताओं में आता ही नहीं, तो दिल्ली वाले बीजेपी को वोट क्यों दें?’ केजरीवाल ने कहा कि सवाल यह भी है कि चुनाव से पहले ही जब बीजेपी दिल्ली को निराश कर रही है तो चुनाव के बाद अपने वादे निभाएगी?
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि यह एक और निराशाजनक बजट है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इससे न नौकरीपेशा लोगों को फ़ायदा है, न कारोबारी को, न उद्योग को और न ही किसान-मज़दूर और ग़रीब को।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं विकासोन्मुखी और किसान हितैषी बजट के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को बधाई देता हूं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट अर्थव्यवस्था को और मजबूती देगा।
भाषण लंबा होने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गाँधी के तंज के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह सही है कि उनका भाषण लंबा था लेकिन यह पूरी तरह से मुद्दों पर केंद्रित था।
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