चीनी सेना पीछे हटी
दोनों सेनाओं में बुधवार को हॉट स्प्रिंग इलाक़े में एक बार फिर बातचीत होनी है। समझा जाता है कि उसके पहले सेनाओं के पीछे हटने से दोनों ही पक्षों में एक दूसरे के प्रति भरोसा बढ़ेगा। इससे आगे की बातचीत बेहतर ढंग से होगी।दोनों सेनाओं के बीच लंबे समय तक बातचीत चलेगी, इसका संकेत दोनों ने ही दे दिया। इस हफ़्ते गश्ती बिन्दु 14, 15 और हॉट स्प्रिंग में बातचीत होगी।
मंगलवार को चीनी सेना ने बड़ी संख्या में सैनिकों को हटा लिया। इससे सीमा पर तनाव कम करने में मदद मिलेगी।
कैसे बढ़ा तनाव?
बता दें कि अप्रैल में ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के उस पार चीनी सेना ने तोपखाना, बख़्तरबंद गाड़ियों, भारी सैनिक उपकरण व दूसरे साजो सामान बड़ी मात्रा में जमा कर लिया था। उसने अतिरिक्त सेना भी भेज दी थी।नाकाम बातचीत
पहले बिल्कुल स्थानीय स्तर पर तैनात कमांडरों के बीच बातचीत हुई, जो नाकाम रही। इसके बाद दिल्ली और बीजिंग में कूटनीतिक बातचीत हुई।लेफ़्टीनेंट जनरल स्तर पर बातचीत
बीते शनिवार को चुशुल-मोल्दो में भारतीय सेना और पीएलए के बीच लेफ़्टीनेंट जनरल के स्तर पर बातचीत हुई। भारत की ओर से उत्तरी कमान में 14वीं कोर के जीओसी लेफ़्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ चीनी सीमा के अंदर बनी चौकी गए। वहाँ शिनजियांग सैन्य ज़िला के प्रमुख मेजर जनरल लिन लिउ ने उनका स्वागत किया। यह बातचीत सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में हुई।
भारतीय पक्ष ने ज़ोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच पहले हुए समझौतों के आधार पर समस्या का समाधान खोजा जाए। चीनी सेना उन जगहों से पीछे हट जाए जो उसने इस बार कब्जे में ले लिया है।
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