चीन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की वापसी के लिए चीन ने अब कुछ क़दम उठाए हैं। चीन ने शुक्रवार को कोरोना महामारी को लेकर लगाए गए वीजा और उड़ान प्रतिबंधों के कारण दो साल से अधिक समय से भारत में फँसे भारतीय छात्रों की वापसी की अनुमति देने की घोषणा की है। अभी क़रीब हफ़्ते भर पहले ही भारत ने चीन के नागरिकों का पर्यटक वीजा निलंबित कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बीजिंग में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'चीन भारतीय छात्रों की पढ़ाई के लिए चीन लौटने की चिंताओं को बहुत महत्व देता है। हमने भारतीय पक्षों के साथ चीन लौटने वाले अन्य देशों के छात्रों की प्रक्रियाओं और अनुभव को साझा किया है'। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, 'वास्तव में भारतीय छात्रों की वापसी के लिए काम शुरू हो चुका है। भारतीय पक्ष को केवल उन छात्रों की सूची उपलब्ध कराना बाकी है, जिन्हें वास्तव में चीन वापस आने की जरूरत है।'
इधर, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में शामिल होने के इच्छुक छात्रों से मई तक पंजीकरण करने का अनुरोध किया। इसने कहा है कि वह जल्द ही 'चीनी पक्ष के विचार करने के लिए' एक सूची साझा करेगी और छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे लिंक पर क्लिक करके जल्द से जल्द फॉर्म भर लें।
सरकार ने कहा है कि भारत द्वारा साझा की जाने वाली सूची के आधार पर, चीनी अधिकारी संबंधित विभागों के साथ भारतीय छात्रों के विवरण का सत्यापन करेंगे और इसके बाद छात्रों को चीन के विश्वविद्यालयों में अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए बुलाएंगे।
ताज़ा फ़ैसला विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ चीन में भारतीय छात्रों की वापसी का मुद्दा उठाए जाने के एक महीने बाद आया है। अभी क़रीब हफ़्ते भर पहले भारत ने चीन के नागरिकों का पर्यटक वीजा निलंबित कर दिया है।
इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन यानी आईएटीए ने 20 अप्रैल को अपने सदस्य एयरलाइंसों को भारत द्वारा चीनी नागरिकों का पर्यटक वीजा रद्द किए जाने की जानकारी दी।
कोरोना महामारी के बीच चीन में भारतीय दूतावास द्वारा जारी आँकड़ों के अनुसार, 20,000 से अधिक भारतीय छात्रों ने मेडिकल डिग्री में दाखिला लिया था। महामारी के मद्देनज़र चीन द्वारा सभी विश्वविद्यालयों को बंद करने के बाद उनमें से अधिकांश देश वापस आ गए थे और सख्त यात्रा प्रतिबंधों के कारण कभी भी वापस नहीं लौट पाए।
इसको लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 17 मार्च को कहा था कि भारत ने बीजिंग से इस मामले में सौहार्दपूर्ण रुख अपनाने का आग्रह किया है क्योंकि सख्त प्रतिबंधों की वजह से हजारों भारतीय छात्रों का शैक्षणिक करियर ख़तरे में है।
बागची ने कहा था कि चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने 8 फरवरी को कहा था कि चीन इस मामले को समन्वित तरीके से देख रहा है और विदेशी छात्रों को चीन लौटने की अनुमति देने की व्यवस्था की जांच की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन इसके बावजूद आज तक चीनी पक्ष ने भारतीय छात्रों की वापसी के बारे में कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अपनी राय बतायें