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कश्मीर: भारत ने कहा- चीन को टिप्पणी करने का हक़ नहीं

भारत ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के कश्मीर पर दिए गए बयान को खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जम्मू और कश्मीर पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है और चीन सहित अन्य देशों को इस पर प्रतिक्रिया देने का कोई हक नहीं है। चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान में हुई ओआईसी की हालिया बैठक में कहा था, “कश्मीर पर हमने फिर से कई इसलामिक दोस्तों की बात सुनी है और चीन भी ऐसी ही आशा रखता है।”

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि दुनिया के तमाम देशों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि भारत कभी भी उनके आंतरिक मामलों में सार्वजनिक तौर पर अपनी बातों को नहीं रखता। 

पिछले महीने भी भारत ने चीन और पाकिस्तान की ओर से जम्मू और कश्मीर को लेकर आए एक संयुक्त बयान को खारिज कर दिया था और कहा था कि जम्मू और कश्मीर के साथ ही लद्दाख भी भारत का अभिन्न हिस्सा है, था और रहेगा। यह बयान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान के बीच बातचीत के बाद जारी किया गया था।

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चीन इस बात को कह चुका है कि पाकिस्तान उसका अटूट दोस्त है। चीन एक ओर पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है और दूसरी ओर वह भारत में अरुणाचल प्रदेश में लगातार घुसपैठ की कोशिशें करता रहता है। 
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लद्दाख के गलवान में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्ते खराब हुए हैं और पाकिस्तान ने चीन से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की है। 

चीन ने जब भी जम्मू और कश्मीर को लेकर कोई आपत्तिजनक बयान दिया है, भारत ने उसका पुरजोर विरोध किया है और इस बार भी चीन को कड़ा जवाब देकर भारत ने यह समझा दिया है कि वह अपने आंतरिक मामलों में किसी तरह की दखलअंदाजी को बर्दाश्त नहीं करेगा। 

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क़मर वहीद नक़वी
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