हर मुद्दे पर पाकिस्तान का साथ देने वाले चीन ने फिर से कश्मीर का राग छेड़ा है। सूत्रों के अनुसार चीन की पहल पर इस मुद्दे पर आज रात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की न्यूयॉर्क में बैठक होगी। यह बैठक बंद दरवाज़े में होगी। चीन पहले भी कई मौक़ों पर ऐसी बैठक बुला चुका है। ऐसी बैठक पहले अगस्त महीने में भी चीन ने तब बुलाई थी जब भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को ख़त्म कर दिया था और संविधान के अनुच्छेद 370 में फेरबदल किया था। तब यह जम्मू-कश्मीर का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 40 साल बाद उठा था। भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 में हुए बांग्लादेेश युद्ध के बाद सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव संख्या 301 पारित किया गया था, जिसमें इस मुद्दे पर कुछ बातें कही गई थीं। बता दें कि सुरक्षा परिषद के अन्य सभी देश कश्मीर मुद्दे पर भारत के पक्ष का समर्थन करते रहे हैं। हाल ही में अमेरिका ने भी ऐसा ही बयान दिया था।
लेकिन चीन ने फिर से राजनयिक चाल चली है। 'एनडीटीवी' ने सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है कि चीन की पहल पर यह बैठक हो रही है। बता दें कि चीन के अलावा सुरक्षा परिषद के अन्य सभी 4 सदस्य- फ़्रांस, रूस, अमेरिका और इंग्लैंड कश्मीर मुद्दे पर भारत का समर्थन करते रहे हैं। वे साफ़ कहते रहे हैं कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मामला है।
इस बीच मीडिया में एक और रिपोर्ट आई है कि इसके लिए फ़्रांस पर भी दबाव बनाया जा रहा है। हालाँकि फ्रांस ने इस मुद्दे को उठाने से साफ़ इनकार कर दिया है।
फ्रांस के डिप्लोमैटिक सूत्रों के हवाले से ख़बर आई है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक सदस्य की ओर से कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए फिर से आग्रह किया गया। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कश्मीर मुद्दे पर फ़्रांस की स्थिति पहले वाली ही है और वह यह है कि इसको भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बातचीत से ही सुलझाया जाना चाहिए। फ्रांस के राजनयिक के हवाले से यह भी कहा गया है कि फ्रांस ने कई मौक़ों पर अपनी स्थिति साफ़ कर दी है और हर बार इसी पर ज़ोर देता रहेगा।
अपनी राय बतायें