गलवान घाटी के कुछ इलाक़ों से भारतीय और चीनी सैनिकों के कुछ पीछे हटने और कुछ इलाक़े खाली करने की ख़बरों के बीच चीन ने कहा है कि भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाम कम करने और इलाक़े खाली करने के मुद्दे पर बातचीत के बाद प्रगति हुई है।
सहमति
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को बीजिंग में पत्रकारों से कहा, 'चीन और भारत की सेनाओं ने 30 जून को कमांडर स्तर की बातचीत की। दोनों ही पक्ष दो दौर की बातचीत में बनी सहमति को लागू करने में लगे हुए हैं।'इसके पहले सोमवार को इसकी पुष्टि हो गई कि चीनी और भारतीय सेनाओं ने गलवान घाटी के कुछ इलाक़ों से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया और कुछ इलाक़े खाली कर दिए।
तनाव कम
झाओ लिजियान ने इससे जुड़े सवाल के जवाब में कहा, 'अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने इलाक़ा खाली करने और तनाव कम करने में प्रगति की है।' उन्होंने कहा,
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'हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष दोनों के बीच बनी सहमति को लागू करने के लिए ठोस कदम उठाएगा और सीमाई इलाक़े में तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक रास्तों से संपर्क बनाए रखेगा।'
झाओ लिजियान, प्रवक्ता, चीनी विदेश मंत्रालय
समझा जाता है कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवान घाटी में तैनात अपने सैनिकों को लगभग डेढ़ किलोमीटर पीछे बुला लिया है। खबर है कि पैट्रोलिंग प्वाइंट 14 को चीनी सेना ने खाली कर दिया है। भारतीय सेना ने भी ऐसा ही किया है।
समझा जाता है कि दोनों सेनाएं पीपी 15 और पीपी 17 से भी अपने सैनिकों को वापस बुला लेंगे।
इसके पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने 30 जून को दोनों देशों की सेनाओं में हुई बातचीत का स्वागत किया था। झाओ लिजियान ने उस समय कहा था, हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष समान मक़सद के लिए चीन के साथ मिल कर काम करेगा।
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