loader

चिदंबरम को 17 अक्टूबर तक रहना होगा जेल में 

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, उन्हें अभी और कुछ वक़्त जेल में रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मामले में उनकी न्यायिक हिरासत 17 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। गुरुवार को उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि ख़त्म हो रही थी। सीबीआई ने हिरासत बढ़ाने की अर्जी देते हुए उन्हें अदालत में पेश किया। चिदंबरम फ़िलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। वहाँ उनसे मिलने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी जा चुकी हैं। 
सम्बंधित खबरें
चिदंबरम ने गुरुवार को ही सुप्रीम कोर्ट में ज़मानत याचिका दायर की। इसके चार दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री की ज़मानत याचिका यह कह कर खारिज कर दी थी कि रिहा होने के बाद मामले से जुड़े चश्मदीदों को 'प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से प्रभावित करने की संभावना' से इनकार नहीं किया जा सकता है। 
सीबीआई ने 15 मई, 2017 को ही आईएनएक्स मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने कहा था कि आईएनएक्स मीडिया को फ़ॉरन एक्सचेंज प्रमोशन बोर्ड से 305 करोड़ रुपए के विदेशी निवेश की अनुमति के मामले में गड़बड़ियाँ की गई थीं।  

चिदंबरम को दिल्ली के ज़ोरबाग स्थित आवास से गिरफ़्तार कर लिया गया। सीबीआई की टीम ने उन्हें गिरफ़्तार किया। उन्हें आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार किया गया। उन पर ग़ैरक़ानूनी तरीके से इस कंपनी की मदद करने और मनी लॉन्डरिंग यानी ग़लत तरीके से पैसा विदेश भेजने के आरोप लगे हैं। 

चिदंबरम का कहना है कि वे पूरी तरह निर्दोष हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि न तो सीबीआई और न ही प्रवर्तन निदेशालय ने उनके ख़िलाफ़ कोई चार्जशीट दाखिल की है। एफआईआर में भी उनका नाम नहीं है। उन्होंने कहा है कि वे उन्हें और उनके परिवार के लोगों को फँसाया गया है।

चिदंबरम ने सीबीआई की विशेष अदालत के सामने पेश होकर कहा कि उन्होंने आईएनएक्स मामले में कोई गड़बड़ी नहीं की है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंन इस पूरे मामले में कोई पैसा नहीं लिया है, उन्हें फँसाया जा रहा है। 

उन्होंने अदालत से कहा कि वह सीबीआई को यह कह चुके है कि उन्होंने पूरे मामले में किसी से एक पैसा नहीं लिया है। वह यह भी कह चुके हैं कि उनके पास किसी विदेशी बैंक में कोई खाता नहीं है। लेकिन उन्होंने सीबीआई से यह ज़रूर कहा कि उनके बेटे के पास विदेशी बैंक में खाता है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें