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आईएनएक्स केस : अब 2 सितंबर तक सीबीआई हिरासत में रहेंगे चिदंबरम 

सीबीआई की विशेष अदालत ने आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ़्तार पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की सीबीआई हिरासत दो सितंबर तक बढ़ा दी है। एजेंसी ने चिदंबरम की हिरासत 5 दिन बढ़ाए जाने की माँग की थी, लेकिन विशेष अदालत ने उसकी यह दलील नहीं मानी। कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि आप हर बार 5 दिन की हिरासत क्यों माँगते हैं, एक साथ ही 15 दिन की कस्टडी क्यों नहीं माँगी। हालाँकि इसने हिरासत अवधि बढ़ा दी। 

इससे पहले चिदंबरम को शुक्रवार दोपहर बाद सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया। एजेंसी ने कोर्ट को बताया है कि पूर्व वित्त मंत्री पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। सीबीआई ने पिछली सुनवाई में भी इसी दलील के आधार पर हिरासत पाँच दिन बढ़ाने की माँग की थी, लेकिन चार दिन की ही हिरासत मिली थी।

अदालत ने 26 अगस्त को चिदंबरम की 4 दिन की हिरासत और बढ़ा दी थी और उन्हें 30 अगस्त को पेश करने को कहा था। यह अवधि शुक्रवार को ही ख़त्म हुई है। इस मामले में चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।
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बता दें कि आईएनएक्स मामले में दो एजेंसियाँ सीबीआई और ईडी यानी एनफ़ोर्समेंट डायरेक्टरेट चिदंबरम की गिरफ़्तारी में जुटी रही थीं। चिदंबरम ने गिरफ़्तारी से बचने के लिए पहले दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम ज़मानत के लिए याचिका लगाई और जब यह ख़ारिज हो गई तब सुप्रीम कोर्ट में। सुप्रीम कोर्ट से भी तत्काल राहत नहीं मिलने पर सीबीआई ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था, लेकिन ईडी गिरफ़्तार नहीं कर पाई थी। ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम को 5 सितंबर तक गिरफ़्तारी से राहत दी है। अब अगली सुनवाई में इस पर आगे फ़ैसला होगा।

बता दें कि गिरफ़्तारी के अगले ही दिन सीबीआई की अदालत में पेश किए जाने पर सीबीआई ने चिदंबरम को 5 दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने की माँग करते हुए तर्क दिया था कि चिदंबरम उनसे पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वह पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं। उन्होंने ज़रूरी काग़जात भी पेश नहीं किए हैं।

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चिदंबरम के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई आईएनएक्स मीडिया मामले में की जा रही है। आरोप है कि 2007 में जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे तब नियमों को ताक पर रखकर आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलायी गयी थी। यह भी आरोप है कि कार्ति चिदंबरम ने अपने पिता पी. चिदंबरम के ज़रिए आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश प्रमोशन बोर्ड से विदेशी निवेश की मंज़ूरी दिलाई थी। हालाँकि चिदंबरम सीबीआई के इन आरोपों को ख़ारिज़ करते रहे हैं। वह कहते रहे हैं कि इन कंपनियों के विदेशी निवेश के प्रस्तावों को मंज़ूरी देने में कोई भी गड़बड़ी नहीं की गयी है।

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क़मर वहीद नक़वी
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