अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चंद्रयान-3 के बारे में कहा कि यदि लैंडर मॉड्यूल के संबंध में कोई भी वजह प्रतिकूल प्रतीत हुई तो लैंडिंग को 27 अगस्त को स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इसरो अहमदाबाद के निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा कि लैंडिंग के संबंध में निर्णय लैंडर मॉड्यूल की सेहत और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर लिया जाएगा।
इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव एस सोमनाथ ने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और उन्हें चंद्रमा पर लैंडिंग के लिए चंद्रयान -3 की स्थिति और तैयारियों से अवगत कराया।
इसरो चेयरमैन ने मंत्री को चंद्रयान-3 की स्थिति के बारे में जानकारी दी और कहा कि सभी प्रणालियां पूरी तरह से काम कर रही हैं और बुधवार को अगर कोई इमरजेंसी नहीं होती तो इसे 23 अगस्त को चांद पर उतार दिया जाएगा।
मंगलवार और बुधवार को चंद्रयान-3 पर लगातार नजर रखी जाएगी। उन्होंने कहा, लैंडिंग का अंतिम क्रम मंगलवार को लोड किया जा सकता है। उसका परीक्षण भी किया जाएगा।
इसरो चेयरमैन के साथ बैठक के दौरान मंत्री जितेंद्र सिंह ने चंद्रयान-3 के इस बार सॉफ्ट लैंडिंग करने पर भरोसा जताया और उम्मीद जताई कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्रहों की खोज का एक नया इतिहास लिखेगा।
बता दें कि चंद्रयान -2 मिशन केवल आंशिक रूप से सफल रहा था। क्योंकि हार्ड लैंडिंग के बाद लैंडर का संपर्क टूट गया। इसरो ने चंद्रयान -3 लैंडर मॉड्यूल और अभी भी परिक्रमा कर रहे चंद्रयान -2 ऑर्बिटर के बीच दो-तरफा संचार सफलतापूर्वक स्थापित किया। चंद्रयान -2 ऑर्बिटर जो पहले से ही चंद्रमा के चारों ओर घूम रहा था, ने सोमवार को चंद्रयान -3 के लैंडर मॉड्यूल के साथ दो-तरफा कनेक्शन स्थापित किया था।
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