भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मंगलवार को चंद्रयान-2 स्पेसक्राफ़्ट को चाँद की पहली कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करा दिया है। चंद्रयान 2 को 22 जुलाई को दोपहर ठीक 2.43 बजे लाँच किया गया था और यह लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से की गई थी। चंद्रयान-2 आज से 18वें दिन यानी 7 सितंबर को रात 2.58 बजे चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा। इससे पहले इसे 14-15 जुलाई की रात 2.51 बजे लॉन्च किया जाना था लेकिन तकनीकी दिक़्क़त आने के चलते तब इसे रोक दिया गया था।
#ISRO
— ISRO (@isro) August 20, 2019
Lunar Orbit Insertion (LOI) of #Chandrayaan2 maneuver was completed successfully today (August 20, 2019). The duration of maneuver was 1738 seconds beginning from 0902 hrs IST
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चंद्रयान-2 का लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ दक्षिणी ध्रुव पर उतरेंगे। ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों तरफ़ चक्कर लगाते हुए ‘विक्रम’ और ‘प्रज्ञान’ से मिले डाटा को इसरो केंद्र को भेजेगा।
चंद्रमा पर हीलियम-3 की खोज के लिए भारत लगातार कोशिश कर रहा है। इससे भारत को काफ़ी मात्रा में ऊर्जा मिल सकती है। यह ऊर्जा तेल, कोयले और परमाणु कचरे से होने वाले प्रदूषण से मुक्त होगी और इसी पर भारत की नज़र लगी हुई है।
परमाणु रिएक्टरों में हीलियम-3 के इस्तेमाल से रेडियोएक्टिव कचरा नहीं पैदा होगा। इससे आने वाले सैकड़ों सालों तक धरती की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा किया जा सकेगा। बताया जाता है कि चंद्रमा पर हीलियम-3 विशाल भंडार मौजूद है।
चंद्रयान 2 को इसरो के वैज्ञानिकों का महत्वाकांक्षी मिशन माना जा रहा है। और ऐसा पहली बार हो रहा है कि इस मिशन में दो महिलाएँ भी शामिल हैं। मुथैया वनिता प्रोजेक्ट डायरेक्टर और रितु कारिधाल मिशन डायरेक्टर के तौर पर इस मिशन के लिए अहम भूमिका निभा चुकी हैं।
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