loader
फ़ोटो साभार- डीडी न्यूज़

वैज्ञानिकों से बोले प्रधानमंत्री मोदी, पूरा देश आपके साथ है

चांद पर उतरने से ठीक पहले ही चंद्रयान-2 का संपर्क टूट गया और इससे वैज्ञानिकों के साथ ही देश भर में निराशा का माहौल बन गया। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कंट्रोल सेंटर से शनिवार सुबह 8 बजे देश को संबोधित किया। 

प्रधानमंत्री ने वैज्ञानिकों से कहा कि आप लोग देश की सेवा के लिए अपना जीवन खपा देते हैं अपने सपनों को समाहित कर देते हैं। उन्होंने कहा, ‘कल रात को मैं आपकी मनस्थिति को समझता था, चेहरे की उदासी को मैं पढ़ पाता था। कई रातों से आप सोये नहीं हैं फिर भी मेरा मन कर रहा था कि एक बार फिर सुबह आपको बुलाऊँ, आपसे बातें करूं।’ 

उन्होंने कहा, ‘इस मिशन के साथ जुड़ा हुआ हर व्यक्ति एक अलग ही अवस्था में था, बहुत से सवाल थे और सफलता के साथ आगे बढ़ते गये और अचानक सब कुछ नज़र आना बंद हो जाय, मैंने भी उस पल को आपके साथ जिया है, जब कम्युनिकेशन ऑफ़ आया तो आप सब हिल गए थे। मन में स्वाभाविक प्रश्न था कि कैसे हुआ, क्यों हुआ।’

ताज़ा ख़बरें
मोदी ने आगे कहा, ‘बहुत सी उम्मीदें थीं, मैं देख रहा था कि आपको लगता था कि कुछ तो होगा क्योंकि उसके पीछे आपका परिश्रम था, आपने बड़ी मेहनत से निभाया था।’ उन्होंने वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, साथियों आज भले ही कुछ रुकावटें आई हों लेकिन इससे हमारा हौसला कमजोर नहीं पड़ा है बल्कि और मजबूत हुआ है।’ 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘साथियों, परिणामों से निराश हुए बिना निरंतर लक्ष्य की तरफ़ बढ़ने की हमारी परंपरा भी रही है और हमारे संस्कार भी हैं। हमारा हज़ारों वर्षों का इतिहास ऐसे उदाहरणों से भरा हुआ है जब शुरुआती रुकावटों के बावजूद हमने ऐतिहासिक सिद्धियाँ हासिल की हैं। ख़ुद इसरो भी कभी न हार मानने वाली संस्कृति का जीता-जागता उदाहरण है।’ 

देश से और ख़बरें

प्रधानमंत्री ने अंत में कहा, ‘ज्ञान का सबसे बड़ा शिक्षक कोई है तो वह विज्ञान है और विज्ञान में विफलता होती ही नहीं है, केवल प्रयोग और प्रयास होते हैं। हर प्रयोग, हर प्रयास ज्ञान के नये बीज बोकर जाता है। साथियों, चंद्रयान के सफ़र का आख़िर पड़ाव भले ही आशा के अनुकूल न रहा हो लेकिन हमें यह भी याद रखना होगा कि चंद्रयान की यात्रा शानदार रही है, जानदार रही है।’ 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें