कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि कोई भी मजदूर सड़क पर नहीं है और सभी को शेल्टर होम में भेज दिया गया है। इस मामले में अधिवक्ता ए.ए. श्रीवास्तव की ओर से याचिका दायर कर कोर्ट से महानगरों से पलायन कर रहे मजदूरों को खाना और शेल्टर उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि शेल्टर होम में रह रहे मजदूरों को खाना, भोजन और दवाइयां उपलब्ध कराई जायें। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 22 लाख 88 हज़ार से ज़्यादा दिहाड़ी मजूदरों, ज़रूरतमंदों को खाना खिलाया जा रहा है। मेहता ने कहा कि सरकार वायरस को फैलने से रोकने के लिये कई क़दम उठा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस वायरस के संक्रमण का पहला केस भारत में आने से पहले ही केंद्र सरकार ने एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
मेहता ने अदालत से कहा कि भारत में इस वायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू नहीं हुआ है। इस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर 24 घंटे के भीतर विशेषज्ञों की एक कमेटी और पोर्टल बनाये।
बीते कुछ दिनों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसके अलावा दिल्ली के निज़ामुद्दीन में धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए 24 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने से भी हड़कंप मचा हुआ है। इस कार्यक्रम में शामिल हुए 10 लोगों की मौत हो चुकी है।
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