क्या जम्मू-कश्मीर की स्थिति में सुधार हो रहा है। यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि केंद्र सरकार ने कश्मीर से 10 हज़ार सुरक्षा बलों को तुरन्त वापस बुलाने का फ़ैसला किया है।
इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि गृह मंत्रालय ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फ़ोर्सेज़ (सीएपीएफ) की इस संघ-प्रशासित क्षेत्र में मौजूदगी की समीक्षा करने के बाद यह निर्णय लिया है।
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100 कंपनियाँ वापस होंगी
इसके तहत सीएपीएफ़ की 100 कंपनियों को तुरन्त वापस बुला लिया जाएगा। इन लोगों को वहाँ वापस भेज दिया जाएगा, जहाँ से इन्हें एक साल पहले कश्मीर भेजा गया था। केंद्र सरकार ने निर्णय लिया है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 40, सीमा सुरक्षा बल की 20 कंपनियों और सशस्त्र सीमा बल की 20 कंपनियों को कश्मीर से वापस बुला लिया जाएगा।सीएपीएफ़ की एक कंपनी में 100 जवान होते हैं। इसके पहले मई में सीएपीएफ़ की 10 कंपनियों को कश्मीर से बुला लिया गया था। इसके बाद कश्मीर में सीएपीएफ़ की 60 कंपनियां रहेंगी।
लेकिन एक साल बाद, कश्मीर के ज़मीनी हालात पर एक नज़र डालने पर पता चलता है कि न केवल बड़ी संख्या में लोग जेलों में बंद हैं, बल्कि कश्मीर चैंबर ऑफ़ कॉमर्स के अध्यक्ष शेख आशिक के अनुसार पिछले एक साल में 40,000 करोड़ रुपये का नुक़सान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘निजी क्षेत्र में चार लाख युवाओं ने पिछले साल 5 अगस्त को सरकारी तालाबंदी के बाद प्रारंभिक कुछ महीनों में अपनी नौकरी खो दी है।
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