केंद्र सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है कि बग़ैर किसी पूर्व तैयारी के ही यकायक लॉकडाउन का एलान कर दिया गया, जिससे पूरे देश में अफ़रातफरी मच गई और लोगों को ज़बरदस्त दिक्क़तों का सामना करना पड़ रहा है।
सरकार ने कहा है कि कोरोना से मुक़ाबले के लिए 'सोच समझ कर योजनाबद्ध तरीके' से काम किया गया है।
सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना को महामारी घोषित करे, उसके पहले ही सरकार ने एक 'समेकित प्रणाली' तैयार कर ली थी और सीमाओं को बंद कर दिया था।
यकायक एलान
प्रधानमंत्री ने यकायक मंगलवार की रात 8 बजे इसका एलान किया कि अगले 21 दिनों तक पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन कर दिया जाएगा, जिसे रात के 12 बजे से लागू कर दिया जाएगा, यानी एलान के 4 घंटे के बाद ही यह लॉकडाउन लागू कर दिया गया। इसके पहले रविवार को एक दिन का जनता कर्फ़्यू रखा गया था। लेकिन 21 दिनों के लॉकडाउन का किसी को अंदाज नहीं था। सरकार ने कहा, 'चीन और हॉगकॉग से आने वाले मुसाफ़िरों की थर्मल इमेजिंग 18 जनवरी को ही शुरू कर दी गई थी। कोरोना संक्रमण का पहले मामला 30 जनवरी को आया, इसके बहुत पहले ही यह तैयार कर ली गई थी।'
'योजना पहले से थी'
सरकार ने कहा है कि 30 हवाई अड्डों, 12 बड़े और 65 छोटे बंदरगाहों और सड़क सीमा पर स्क्रीनिंग का इंतजाम किया गया था। इससे लगभग 36 लाख मुसाफिरों की जाँच की गई।
केंद्र सरकार ने यह दावा भी किया है कि सभी राज्य सरकारों को अलर्ट कर दिया गया था और उन्हें अपनी निगरानी प्रणाली को चाक चौबंद रखने को कहा गया था ताकि कोरोना संक्रमण फैल न सके।
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