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कोरोना टीके की कमी को कोरा झूठ बताया केंद्र ने, राज्यों के तमाम आरोप खारिज

कोरोना टीके की कमी और टीकाकरण कार्यक्रम रुक जाने के बीच केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों के तमाम आरोपों को 'अर्द्ध सत्य', 'बिल्कुल झूठ' और 'तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया तथ्य' क़रार दिया है। 

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने एक बयान जारी कर सात बिन्दुओं में सफाई दी है और कहा है कि 'मिथ तोड़ने के लिए' ये बातें कहना ज़रूरी है। 

केंद्र सरकार ने एक बयान जारी किया है, 'मिथ्स एंड फ़ैक्ट्स ऑन इंडियाज़ वैक्सीनेशन प्रोसेस'। इसमें सरकार ने सात 'तथ्य' दिए हैं और उनके आधार पर राज्य सरकारों के तमाम आरोपों को 'ध्वस्त' करने का दावा किया है। 

केंद्र के मुताबिक़ सात मिथ

  1. केंद्र विदेशों से पर्याप्त वैक्सीन नहीं खरीद रहा है।
  2. सरकार विदेशों में उपलब्ध वैक्सीन्स को मंजूरी नहीं दे रही है।
  3. केंद्र घरेलू स्तर पर टीकों का उत्पादन बढ़ाने के लिए पर्याप्त कोशिशें नहीं कर रहा है।
  4. केंद्र को अनिवार्य लाइसेंसिंग लागू करना चाहिए है। 
  5. केंद्र ने अपना जिम्मा राज्यों पर छोड़ दिया है।
  6. केंद्र राज्यों को पर्याप्त वैक्सीन नहीं दे रहा है।
  7. सरकार बच्चों के वैक्सीनेशन के लिए कदम नहीं उठा रही है।
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क्या कहना है सरकार का?

केंद्र सरकार ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है कि वह दूसरे देशों में मौजूद टीकों के प्रयोग की अनुमति देने की दिशा में कुछ नहीं कर रही है। इनमें वे टीके भी शामिल हैं, जिनके प्रयोग की अनुमति विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दे दी है। 

सरकार का तर्क है कि उसने अमेरिकी कंपनी फ़ाइज़र और एक रूसी कंपनी को जल्द से जल्द अपने टीके भारत में उतारने को कहा है। रूसी कोरोना टीका स्पुतनिक जल्द ही भारत में मिलने लगेगा। 
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी. के. पॉल ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना खरीदना दुकान से दवा खरीदने जैसा नहीं होता है। दूसरे, सभी उत्पादक जिस देश में होते हैं, उसे तरजीह देते हैं। इससे भी कोरोना टीके की आपूर्ति पर असर पड़ता है। 
उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद सरकार विदेशी कंपनियों से टीके खरीदने पर बात कर रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की यह कह कर आलोचना की है कि केंद्र सरकार खुद कोरोना टीका खरीदे और राज्य सरकारों को दे। लेकिन केंद्र का कहना है कि राज्य सरकार खुद टीके खरीदे।
केंद्र सरकार ने ज़ोर देकर कहा है कि उसकी बातचीत की वजह से ही कोरोना टीके की 200 करोड़ से ज़्यादा खुराक़ें इस साल दिसंबर तक हो जाएंगी।

क्या कहा संबित पात्रा ने?

दूसरी ओर, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि विपक्षी पार्टियाँ भ्रम फैला रही हैं कि केंद्र सरकार बाहर से देश में वैक्सीन लाने के लिए उचित कदम नहीं उठा रही है, जबकि सच यह है कि पिछले साल के मध्य से ही वैक्सीन के इंपोर्ट के लिए भारत सरकार पूरी तरह लगी है। संबित पात्रा ने कहा,

सरकार की बातचीत का ही नतीजा रहा है कि रूस की स्पुतनिक वैक्सीन भारत लाई गई और अब डॉ. रेड्डी लैब के साथ उसका उत्पादन भारत में कैसे बढ़ाया जाएगा, अब वह तकनीक भी भारत में लाई जाएगी।


संबित पात्रा, प्रवक्ता, बीजेपी

उन्होंने कहा कि 'भारत बायोटेक के पास अपना लाइसेंस है। केंद्र सरकार ने तय किया कि भारत बायोटेक अपने लाइसेंस को तीन और कंपनियों के साथ साझा करे, ताकि वह भी को-वैक्सीन के उत्पादन को शुरू कर सकें। भारत बायोटेक फिलहाल लगभग 1 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाती है, वो अक्टूबर तक 10 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाने लगेगी।'

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क़मर वहीद नक़वी
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