केंद्र सरकार ने किसानों के सामने बड़ा ऑफ़र रखा है। सरकार ने बुधवार को कहा है कि वह किसानों पर दर्ज सारे मुक़दमे तुरंत प्रभाव से रद्द करने के लिए तैयार है। इसमें किसान आंदोलन के दौरान और पराली जलाने को लेकर दर्ज हुए मुक़दमे भी शामिल हैं।
यह दिख रहा है कि सरकार अब किसानों की लगभग सभी मांगों को माने जाने की दिशा में गंभीरता से आगे बढ़ रही है तो किसान भी सरकार की ओर से आ रहे प्रस्तावों पर विचार कर रहे हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से किसानों की मांगों को लेकर रखे गए प्रस्ताव को किसानों ने वापस भेज दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि इस प्रस्ताव में कुछ कमियां हैं, हमने कुछ संशोधन कर मंगलवार रात को इसे सरकार के पास वापस भेज दिया है।
इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा की 2 बजे होने वाली बैठक पर देश भर के मीडिया चैनलों की निगाहें लगी हुई हैं।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले किसानों का आंदोलन अगर ख़त्म होता है, तो यह बीजेपी और मोदी सरकार के लिए राहत की बात होगी।
मंगलवार को केंद्र सरकार ने किसानों को उनकी मांगों को पूरा करने के संबंध में लिखित आश्वासन दिया था।
केंद्र सरकार ने किसानों के सामने प्रस्ताव रखा है कि वह एमएसपी को लेकर कमेटी बनाएगी। इस कमेटी में सरकारी अफ़सर, कृषि विशेषज्ञ और संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि शामिल होंगे। प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार किसानों पर दर्ज सारे मुक़दमे वापस लेने के लिए तैयार है। इनमें पराली जलाने को लेकर दर्ज किए गए मुक़दमे भी शामिल हैं।
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