कोरोना टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू होने के दो दिन में ही अब इसका दायरा बढ़ा दिया गया है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि टीकाकरण के काम में अब सभी निजी अस्पतालों का इस्तेमाल किया जाए। उन अस्पतालों का भी जो सरकार के स्वास्थ्य बीमा स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं। इसके अलावा टीकाकरण की समय सीमा भी बढ़ाई गई है और स्लॉट का दायरा भी। समझा जाता है कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि टीका लगवाने के इच्छुक लोगों की संख्या काफ़ी ज़्यादा बढ़ गई है और दो दिन में ही रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 50 लाख से ज़्यादा हो गई।
पहले सभी निजी अस्पतालों में टीकाकरण अभियान चलाने की घोषणा नहीं की गई थी। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अभियान शुरू होने से पहले कहा था कि 10 हज़ार सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों और 20 हज़ार से ज़्यादा निजी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवाया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ़्त में टीका लगाया जाएगा। बाद में सरकार ने घोषणा की कि निजी स्वास्थ्य केंद्रों में 250 रुपये प्रति डोज के हिसाब से टीका मिलेगा।
कोमोर्बिडिटीज से मतलब वैसे लोगों से है जो एक साथ कई बीमारियों से जूझ रहे हों और कोरोना जैसे वायरस के प्रति संवेदनशील हों। 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को केवल अपनी उम्र के लिए पहचान पत्र दिखाना होगा, जबकि 45 से अधिक आयु के लोगों में कोमोर्बिडिटीज के मामले में एक पंजीकृत डॉक्टर से हस्ताक्षरित एक फॉर्म देना होगा।
टीकाकरण के लिए पहले जो समय दोपहर तीन बजे तक निश्चित था उसे अब पाँच बजे तक कर दिया गया है। को-विन वेबसाइट पर अब तक जहाँ सिर्फ़ एक हफ़्ते के स्लॉट में ही रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा था अब उसे बढ़ाकर 15 से एक महीना के बीच करने के लिए कहा गया है।
पहले आयुष्मान भारत के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल, केंद्र सरकार के स्वास्थ्य स्कीम के तहत और राज्य स्वास्थ्य बीमा के तहत अस्पतालों को ही वैक्सीन सेंटर बनाया गया। लेकिन अब सभी निजी अस्पतालों तक इसे बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है। यह फ़ैसला मंगलवार की एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'जिन निजी अस्पतालों को उपर्युक्त तीन श्रेणियों के तहत सूचीबद्ध नहीं किया गया है उन्हें भी कोरोना टीकाकरण केंद्रों के रूप में संचालित करने की अनुमति दी गई है... राज्य/केंद्र शासित क्षेत्र इन निजी अस्पतालों को टीकाकरण केंद्र के रूप में उपयोग करने के लिए प्रयास कर सकते हैं।'
लेकिन इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि टीकाकरण केंद्र के रूप में काम करने वाले निजी अस्पतालों में पर्याप्त टीका लगाने वाले, निरीक्षण के लिए पर्याप्त जगह, और कोई दुष्प्रभाव पड़ने की स्थिति में पर्याप्त व्यवस्था हो।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दो दिनों में क़रीब साढ़े चार लाख लाभार्थियों को टीका लगाया गया है। दो दिनों में क़रीब 50 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया।
कैसे कराएँ रजिस्ट्रेशन?
- वैक्सीन लगवाने वाले को cowin.gov.in पर लॉग इन करना होगा।
- मोबाइल नंबर डालना होगा। एक बार का पासवर्ड नंबर भेजा जाता है।
- एक बार ओटीपी सत्यापित हो जाने के बाद, लाभार्थी को चार जानकारियाँ देनी होंगी।
- वह फोटो आईडी जिसे वह टीकाकरण के समय दिखाना चाहता है; उम्र और लिंग।
- और क्या लाभार्थी पहले से कोमोर्बिडिटीज से पीड़ित है या नहीं?
ये जानकारियाँ भरने के बाद लाभार्थी को रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा जाएगा। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद एक मैसेज मिलेगा। इसके बाद तीन और व्यक्तियों का पंजीकरण करने का विकल्प दिया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक के लिए तीन विवरण दर्ज करने होंगे: फोटो आईडी प्रूफ; आईडी प्रूफ नंबर; नाम, आयु और लिंग। अप्वाइंटमेंट बुक करने से पहले आवेदक के पास किसी लाभार्थी को हटाने का विकल्प भी होगा।
अप्वाइंटमेंट की प्रक्रिया
- लाभार्थी को शेड्यूल अपॉइंटमेंट पर क्लिक करना होगा, और तब वेबसाइट टीकाकरण के लिए बुक अपॉइंटमेंट पर ले जाएगी।
- इसके बाद लाभार्थी को राज्य, ज़िला, ब्लॉक और पिन कोड चुनना होगा। इन्हें चुने जाने के बाद सिस्टम टीकाकरण केंद्रों की एक सूची दिखाएगा।
- एक बार जब लाभार्थी इन विकल्पों में से टीकाकरण केंद्र का चयन कर लेता है तो सिस्टम फिर तारीख और उपलब्ध स्लॉट दिखाता है और इसके अलावा अगले हफ़्ते का विकल्प दिखाता है।
- जब लाभार्थी 'बुक' पर क्लिक करता है तो एक 'अप्वाइंटमेंट पुष्टि' का पेज खुलता है। अंतिम चरण में लाभार्थी को विवरण का सत्यापन करने के बाद ‘पुष्टि’ पर क्लिक करना होगा।
- एक बार पुष्टि हो जाने के बाद पेज पर ‘अप्वाइंटमेंट सक्सेसफुल’ लिखा आएगा।
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