कोरोना संक्रमण पर क्या फिर से हालात बिगड़ने लगे हैं? यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में उच्च स्तरीय टीमें क्यों भेजी हैं? केंद्र ने कोरोना फैलने से रोकने के लिए किए गए उपायों और नियमों पर ढिलाई बरतने पर संक्रमण के फिर से तेज़ी से बढ़ने की चेतावनी दी है। वह भी ऐसे वक़्त पर जब नये क़िस्म के कोरोना के संक्रमण देश में आ चुके हैं। भारत में अभी तक कोरोना की दूसरी लहर नहीं आई है और इसलिए इसको लेकर आशंकाएँ भी जताई जा रही हैं। दुनिया के कई देशों में संक्रमण की दूसरी लहर आई है और पहले से कहीं ज़्यादा घातक भी।
सरकार का यह फ़ैसला ऐसे समय में आया है जब केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक जैसे कई राज्यों में फिर से संक्रमण बढ़ रहा है। महाराष्ट्र के अमरावती ज़िले में तो लॉकडाउन भी लगाना पड़ा है। कर्नाटक ने केरल से प्रवेश करने वाले कई मार्गों को बंद कर दिया है। महाराष्ट्र से कर्नाटक में जाने वाले लोगों को कोरोना रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश करने दिया जा रहा है।
इन्हीं हालातों के बीच अलग-अलग विषयों की विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीमों को महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और जम्मू व कश्मीर में भेजा गया है। प्रत्येक टीम का नेतृत्व स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी कर रहे हैं।
इन टीमों को राज्य प्रशासन के साथ मिलकर काम करना है और संक्रमण के मामलों के बढ़ने के कारणों की जानकारी लेनी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करेंगे और उन क़दमों को उठाएँगे जिससे कि संक्रमण फैलने की कड़ी को तोड़ा जा सके। राज्यों को संबंधित ज़िलों के अधिकारियों के साथ उभरती स्थिति की नियमित समीक्षा करने के लिए कहा गया है।
बता दें कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू और कश्मीर को पत्र भी लिखा है। उन राज्यों में आरटी-पीसीआर परीक्षणों के अनुपात में गिरावट के बावजूद हर रोज़ संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है।
केंद्र ने इन राज्यों को आरटी-पीसीआर परीक्षण बढ़ाने और दोनों तरह के परीक्षणों को सबसे अधिक प्रभावित ज़िलों में प्रमुखता से करने के लिए कहा है।
बता दें कि हाल के दिनों में नए संक्रमणों के अचानक बढ़ने के बाद देश के मौजूदा सक्रिय मामलों में महाराष्ट्र और केरल में ही 75% मामले हैं।
बता दें कि भारत में कोरोना बढ़ता दिख रहा है। यह चिंता ऐसे समय में उभरी है जब देश में और विश्व स्तर पर महामारी धीमी होती दिखाई दे रही है। महाराष्ट्र में आज सबसे अधिक 6218 नए मामले दर्ज किए गए। उसके बाद केरल में 4,034 केस, तमिलनाडु में 449, पंजाब में 414 और कर्नाटक में 383 मामले दर्ज किए गए।
कर्नाटक ने केरल से आने वाले 13 प्रवेश मार्गों को बंद कर दिया है। दोनों राज्यों की सीमाई क्षेत्रों में लोग बेरोक-टोक आते जाते रहे हैं, लेकिन अब कोरोना संक्रमण के फैलने के ख़तरे के बाद लिए गए इस फ़ैसले से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
बेंगलुरु और कर्नाटक के दूसरे हिस्से में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका के आयुक्त एन मंजुनाथ प्रसाद ने कहा है कि यदि लोगों ने सावधानियाँ नहीं बरतीं तो मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को बेंगलुरु में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि हालात नहीं संभले तो राज्य में फिर लॉकडाउन लगाया जा सकता है। रविवार देर शाम को उद्धव ठाकरे ने पूरे राज्य के लोगों को 8-15 दिनों तक सतर्क रहने को कहा है। मुम्बई सहित पूरे राज्यभर में कई ज़िलों में कोरोना मरीज़ों का ग्राफ़ लगातार हर रोज बढ़ता जा रहा है।
अमरावती में लॉकडाउन
महाराष्ट्र के अमरावती और अचलपुर में संपूर्ण लॉकडाउन है। लॉकडाउन रात 8 बजे से 1 मार्च सुबह 8 बजे तक लागू रहेगा। अकोला, अकोट और मुर्तिजापुर में कल सुबह 6 बजे से 1 मार्च की सुबह 6 बजे तक संपूर्ण लॉकडाउन लग जाएगा। पुणे और नासिक में रात में पाबंदियाँ लगाई गई हैं। पुणे में 28 फ़रवरी तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद करने का एलान भी किया गया है। नासिक में सार्वजनिक जगह पर बिना मास्क पहने पाए जाने पर हजार रुपए का जुर्माना देना होगा। यवतमाल में भी सख़्ती की गई है।
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