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नीती आयोग की बैठक शनिवार को हुई।

पीएम मोदी नीति आयोग की बैठक करते रहे, लेकिन 10 विपक्षी सीएम नहीं पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक की अध्यक्षता की। लेकिन 10 मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक से दूरी बना ली और बैठक की रंगत फीकी हो गई। इस बैठक का थीम 'विकास- भारत @2047: टीम इंडिया की भूमिका' है। बैठक दिल्ली के प्रगति मैदान में नए कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गई। प्रधानमंत्री मोदी कल 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं, करीब 20 विपक्षी दल उस कार्यक्रम का भी बहिष्कार करने जा रहे हैं। लेकिन नीति आयोग से जुड़ी पीएम की आज की बैठक से विपक्षी शासित राज्यों के 10 मुख्यमंत्रियों की दूरी भी कम महत्वपूर्ण नहीं है।

10 मुख्यमंत्री क्यों हैं दूर

इस बैठक से 10 मुख्यमंत्री आज किनारा कर गए। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के राज्यपाल भगवंत मान और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, तेलंगाना के केसीआर, राजस्थान के अशोक गहलोत, केरल के पी. विजयन, तमिलनाडु के स्टालिन और कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक इस बैठक में शामिल नहीं हुए। राजस्थान के सीएम गहलोत ने स्वास्थ्य संबंधी कारण बताया है। केरल के सीएम के न आने की वजह नहीं बताई गई है। ममता और भगवंत मान की तरफ से इस बैठक में शामिल होने की वजह नहीं बताई गई है। ममता पहले आने वाली थीं, लेकिन बाद में उन्होंने टाल दिया। लेकिन इस संबंध में केजरीवाल का पीएम मोदी को लिखा गया तीखा पत्र सामने आया है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने खुद को व्यस्त बताकर पीएम मोदी के प्रोग्राम से दूरी बना ली है। तेलंगाना के सीएम केसीआर आज केजरीवाल से हैदराबाद में मुलाकात करने वाले हैं, उन्होंने नीति आयोग की बैठक को महत्व नहीं दिया।

नवीन पटनायक व्यस्त

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ऐसे 10वें मुख्यमंत्री हैं जो नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इंडियन एक्सप्रेस ने ओडिशा सीएमओ के हवाले से बताया कि मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि उनका ओडिशा में शनिवार को पहले से कार्यक्रम है। सीएमओ ने कहा - “वर्तमान में, मुख्यमंत्री अपने मौजूदा 5 वें कार्यकाल के चौथे वर्ष पूरा होने से पहले हर विभाग के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे हैं। वह शनिवार को तीन विभागों के प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे।' सीएमओ ने इस बारे मे कुछ भी नहीं बताया कि ओडिशा सरकार की ओर से कोई मंत्री या अधिकारी इसमें शामिल होगा या नहीं।

बहरहाल, प्रधान मंत्री को लिखे एक पत्र में, आप प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने आरोप लगाया कि देश में "फेडरलिज्म" ( संघवाद) को "मजाक" में बदल दिया गया है।

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भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने हाल ही में दिल्ली राज्य के खिलाफ लाए गए अध्यादेश में नौकरशाही पर निर्वाचित दिल्ली सरकार के कार्यकारी नियंत्रण को वापस ले लिया है। दिल्ली को यह नियंत्रण सुप्रीम कोर्ट ने अपने 11 मई के आदेश में दिया था। लेकिन केंद्र ने अध्यादेश को लाकर उसे पलट दिया। इस अध्यादेश को लोकसभा और राज्यसभा में अभी पास होना है। केजरीवाल विपक्षी दलों के जरिए राज्यसभा में इसे रोकने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
बहरहाल, केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में आरोप लगाया कि देश में गैर-बीजेपी सरकारों को ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियों के इस्तेमाल, उनके विधायकों को धन बल के जरिए दलबदल करवाकर गिराया जा रहा है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या इस तरह की कार्रवाई से देश में सहकारी फेडरलिज्म को बढ़ावा मिलेगा। 
केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा कि नीति आयोग की बैठक शनिवार को होगी और आयोग का उद्देश्य भारत और आगे सहकारी संघवाद का नजरिया तैयार करना है। उन्होंने आरोप लगाया, "जिस तरह से लोकतंत्र पर हमला किया गया है, पिछले कुछ वर्षों में गैर-बीजेपी सरकारों को गिरा दिया गया है और काम करने से रोका गया है, यह न तो भारत का नजरिया है और न ही सहकारी संघवाद है।" 
उन्होंने कहा़ः नीति आयोग की बैठक में शामिल होने का कोई मतलब नहीं है जब संविधान और लोकतंत्र का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है और सहकारी संघवाद को मजाक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि हमें कल नीति आयोग की बैठक में नहीं जाना चाहिए। इसलिए, मेरे लिए बैठक में शामिल होना संभव नहीं होगा।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री विभिन्न गैर-बीजेपी शासित राज्यों का दौरा कर रहे हैं, विपक्षी नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं ताकि राज्यसभा में अध्यादेश को नाकाम करने के लिए उनका समर्थन हासिल किया जा सके।

वह पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ अब तक ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव जैसे नेताओं से मुलाकात कर चुके हैं। केजरीवाल तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव से भी मिलने वाले हैं और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी घोषणा की कि वह आज नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होंगी। टीएमसी प्रमुख ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का भी ऐलान किया है।

बनर्जी के नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के कारणों का पता नहीं चला है। ममता ने इस महीने की शुरुआत में इस बैठक में भाग लेने में रुचि व्यक्त की थी और कहा था कि वह राज्य के मुद्दे को उजागर करेंगी जिसे कथित तौर पर केंद्र द्वारा वंचित किया गया था।
उन्होंने तब कहा था, "मैं 27 मई को नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में भाग लूंगी क्योंकि यह राज्य के मुद्दों को उजागर करने का एकमात्र मंच है।" 

बनर्जी ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार से इस महीने के अंत में पटना में विपक्षी दलों की बैठक आयोजित करने को कहा था ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए एक साथ तैयारी की जा सके।

क्या होगा आज की बैठक में

विवरण के अनुसार, प्रधान मंत्री 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे।

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नीति आयोग ने एक बयान में कहा, दिन भर चलने वाली बैठक के दौरान आठ प्रमुख विषयों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें एमएसएमई पर जोर, बुनियादी ढांचा और निवेश, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास शामिल हैं। क्षेत्र के विकास और सामाजिक बुनियादी ढांचे पर भी चर्चा होगी।

इसमें कहा गया है, बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों/उपराज्यपालों, पदेन सदस्यों के रूप में केंद्रीय मंत्रियों और नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सदस्यों की भागीदारी होगी। आयोग ने कहा कि यह 8वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक भी भारत के G20 प्रेसीडेंसी की पृष्ठभूमि में आयोजित की जा रही है। भारत का G20 का स्लोगन 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' अपने सभ्यतागत मूल्यों और प्रत्येक देश के भविष्य को बनाने में प्रत्येक देश की भूमिका के बारे में अपना नजरिया बताता है।
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क़मर वहीद नक़वी
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