केंद्र सरकार की ओर से यह कहे जाने पर कि उसके पास किसान आंदोलन में मारे गए किसानों का कोई आंकड़ा नहीं है, इसलिए वह मुआवज़ा नहीं दे सकती, इस पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को हमला बोला है।
वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की मुआवज़े की मांग को पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसानों की मांगों का पूरा समर्थन करती है।
राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री एक ओर माफ़ी मांगने की बात कहते हैं और दूसरी ओर वे मारे गए लोगों के बारे में कहते हैं कि वे हैं ही नहीं। उन्होंने कहा कि आंदोलन में मारे गए किसानों की सूची पंजाब सरकार के पास है, हम इसे केंद्र सरकार को दे सकते हैं और प्रधानमंत्री चाहें तो इनके परिजनों को फ़ोन भी कर सकते हैं।
राहुल ने कहा कि केंद्र सरकार लाखों-करोड़ों रुपये पेट्रोल-डीजल से कमा रही है, ऐसे में उसके पास पैसे क्यों नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब भी ग़रीबों की बात होती है तो सरकार कहती है कि पैसे नहीं हैं लेकिन उद्योगपतियों को लेकर वह ऐसा नहीं कहती।
रद्द करने पड़े क़ानून
राहुल गांधी ने कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब से आवाज़ उठाई थी और उसके बाद संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस ने इन क़ानूनों को रद्द करने की मांग जोरदार ढंग से की। आख़िरकार किसानों और विपक्ष के संघर्ष के बाद केंद्र सरकार को पीछे हटते हुए कृषि क़ानूनों को रद्द करना ही पड़ा।
किसानों की लंबित मांगें
किसान कह चुके हैं कि एमएसपी पर गारंटी क़ानून और किसानों पर दर्ज मुक़दमे वापस लिए बिना आंदोलन ख़त्म नहीं होगा। किसानों की बाक़ी मांगों में बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेना, केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना और आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देना भी शामिल है।
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