भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने बुधवार को भाजपा सांसद और (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। विनेश फोगट का कहना है महिला पहलवानों को राष्ट्रीय शिविरों में कोच और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह द्वारा यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय शिविरों में नियुक्त कोचों में से कुछ, वर्षों से महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं।
विनेश फोगाट ने कहा - कई युवा महिला पहलवानों ने मुझसे राष्ट्रीय शिविरों में यौन उत्पीड़न की शिकायत की है। मैं कम से कम 20 लड़कियों को जानती हूं जिन्हें राष्ट्रीय शिविर में यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। आज मैंने यह कह रही हूं, मुझे नहीं पता कि मैं कल जीवित रहूंगी या नहीं। डब्ल्यूएफआई के लोग काफी ताकतवर हैं।
आरोपों में घिरे बीजेपी सांसद ब्रजभूषण सिंह गोंडा के रहने वाले हैं और कैसरगंज से चुनाव लड़ते हैं। उनकी गिनती दंबग नेताओं में होती है। वो खुद को हिन्दूवादी नेता कहते हैं। मुख्तार अंसारी और उनके बीच लंबे समय तक अनबन रही है। वो 1991 में पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद वो पांच बार और सांसद बने। इस तरह वो 6 बार के बीजेपी सांसद हैं। लेकिन बीच में वो सपा में भी गए थे और सपा टिकट पर भी जीते थे। उन्हें 2011 में भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष चुना गया था। उसके बाद वो तीन बार इस संस्था के अध्यक्ष चुने गए।
माननीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष श्री ब्रज भूषण सरन सिंघ जी पर लगे आरोप ग़लत हैं। @wfi_wrestling @sharan_mp @narendramodi @ianuragthakur @Media_SAI @aajtak @ZeeNews @ABPNews #WrestlingFederationOfIndia #WrestlingFederation pic.twitter.com/kFGwKyxDrg
— Divya kakran (@DivyaWrestler) January 18, 2023
उन्होंने कहा कि विनेश ने यौन शोषण के जो आरोप लगाए हैं, क्या कोई इन आरोपों की पुष्टि के लिए कोई आगे आ रहा है? क्या कोई एथलीट है जो इन आरोपों के साथ आगे आए है और कहे कि मैंने किसी प्रकार का यौन उत्पीड़न किया है?
बजरंग पुनिया ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा हमारा विरोध कुश्ती महासंघ के खिलाफ है जो पहलवानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखे बिना काम कर रहा है। इस विरोध का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हमने यहां किसी राजनेता को आमंत्रित नहीं किया है। यह विशुद्ध रूप से पहलवानों का विरोध है।
ओलंपिक पदक विजेता ने यह भी कहा, "हम यहां उन पहलवानों के मुद्दे को उठाने के लिए हैं, जिनकी निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता है। पहलवानों ने चुपचाप बहुत कुछ झेला है लेकिन अब हमने तय किया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा लिए जा रहे एकतरफा फैसलों के खिलाफ अब हम चुप नहीं रहेंगे। भारत के सभी शीर्ष पहलवान तब तक राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लेंगे जब तक कि हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और भारतीय कुश्ती महासंघ द्वारा हमारे साथ बेहतर व्यवहार नहीं किया जाता। हमारा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि वे हमारी और खेल की मदद करें।
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