केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ दस लाख भर्तियों के लिए रोजगार मेले लगा रही है, नियुक्ति पत्र सौंप रही है, दूसरी तरफ केंद्रीय सेवाओं में हजारों पद खाली हैं। उस पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। सेंट्रल सेक्रेटेरिएट सर्विसेज (CSS) अधिकारियों के सगंठन सीएसएस फोरम ने कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को इस संबंध में तथ्यात्मक पत्र लिखा है।
द हिन्दू अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक सीएसएस फोरम ने लिखा है कि पीएम मोदी द्वारा 2023 के अंत तक लगभग 10 लाख नौकरियों की घोषणा के बावजूद, सेक्शन अफसरों के लगभग 45% पद 2013 के बाद से खाली पड़े हैं। ये पद कई अधिकारियों को प्रमोट नहीं किए जाने के कारण खाली पड़े हैं। डीओपीटी ही 2023 तक सभी रिक्त पदों को भरने वाला नोडल मंत्रालय है।
द हिन्दू ने लिखा है कि इसी साल 22 अक्टूबर को, पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 10 लाख नौकरियों के लिए 'रोज़गार मेला' (भर्ती अभियान) की शुरुआत की थी, जहाँ पहली किश्त में शामिल 75,000 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए थे। प्रधानमंत्री ने जून में घोषणा की थी 2024 के आम चुनाव से पहले 2023 तक केंद्र सरकार के विभागों में मौजूदा 10 लाख रिक्तियों को मिशन मोड में भरा जाएगा। हालांकि जिन 75 हजार लोगों को नियुक्ति पत्र देने के दावे किए गए, उसे लेकर भी सवाल उठे कि ये पोस्ट कब खाली हुईं थीं या कब और कहां भरी गई हैं।
सीएसएस फोरम ने कहा कि डीओपीटी अदालती मामलों के कारण चयन सूची को अंतिम रूप नहीं देने के आधार पर 2013 में शामिल अधिकारियों की तदर्थ पदोन्नति पर विचार नहीं कर रहा है। हालाँकि, पदोन्नति पर डीओपीटी के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अदालतों में लंबित मामलों में सरकार की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए तदर्थ पदोन्नति की जा सकती है।
द हिन्दू के मुताबिक फोरम ने सरकार को लिखा है: डीओपीटी में वरिष्ठ अधिकारियों को तथ्यात्मक स्थिति समझाने के बाद भी, विभाग सहायक अनुभाग अधिकारियों (एएसओ) की तदर्थ पदोन्नति पर विचार नहीं कर रहा है, जिससे एक हजार से अधिक सहायक अनुभाग अधिकारियों में नाराजगी और हताशा चरम पर है। सीएसएस के ये वरिष्ठतम एएसओ अब ज्यादा भड़के हुए हैं और फौरन तदर्थ पदोन्नति की मांग कर रहे हैं।
फोरम का कहना है कि एक तरफ तो 10 लाख लोगों की मिशन मोड में भर्ती के लिए, डीओपीटी ने सभी मंत्रालयों और विभागों को जल्द से जल्द पदोन्नति या परीक्षा के माध्यम से रिक्तियों को भरने के लिए लिखा है। लेकिन सेक्शन अफसरों के 1,600 से अधिक पद खाली पड़े हैं, उस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। एएसओ के मात्र प्रमोशन से फीडर ग्रेड में रिक्तियां पैदा हो सकती हैं और इन्हें भी 10 लाख भर्ती के लक्ष्य को पाने में इस्तेमाल किया जा सकता है।
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