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अगला सीडीएस कौन और कैसे, कैबिनेट कमिटी करेगी फ़ैसला

भारत का अगला चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ कौन होगा? कौन यूनीफ़ाईड थिएटर कमांड की परिकल्पना को पूरा करेगा और सैन्य बलों के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाएगा? कौन सीडीएस के साथ-साथ सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए) का सचिव का कार्यभार भी संभालेगा?

देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत के बाद यह ये सवाल उठते हैं। पर इनका जवाब आसान नहीं है। ये सवाल जितने पेचीदे हैं उतने ही अनिश्चितताओं से भरे हुए भी। 

रावत पहले चीफ़ ऑफ़ डिफ़ेन्स स्टाफ़ थे, इस कारण पहले से न तो अगले सीडीएस की नियुक्ति की कोई प्रक्रिया तय है, न ही इसकी कोई नज़ीर है। वरीयता क्रम का भी कोई हिसाब नहीं है। 

जिस तरह सेना के तीनों अंगों में वरीयता का क्रम तय होता है और उसी हिसाब से एक के बाद दूसरी नियुक्ति होती चली जाती है या एक के हटने के बाद ठीक उसके नीचे का अफ़सर उसकी जगह ले लेता है, वैसा सीडीएस के साथ नहीं होता है।

वाइस सीडीएस

हालांकि एक वाइस सीडीएस है, जो तीन स्टार जनरल हैं, पर यह औपचारिक पद नहीं है। एअर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण वाइस सीडीएस तो हैं, पर उन्हें वरीयता क्रम में जनरल रावत के ठीक नीचे नहीं कहा जा कता है। 

देश में कोई डिप्टी सीडीएस नहीं है, जो सीडीएस के ठीक बाद हो और उसके बाद उसकी जगह पर आ जाए। 

सीडीएस डीएमए यानी डिपार्टमेंट ऑफ़ मिलिटरी अफ़ेयर्स का सचिव भी होता है। दरअसल यह पद सेना प्रमुख का कम और सैन्य मामलों के सचिव का अधिक होता है। 

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सैनिक या ब्यूरोक्रेट?

सीडीएस एक सैन्य अधिकारी तो होता है, पर सचिव की तरह ब्यूरोक्रेट भी होता है। सच तो यह है कि सीडीएस सक्रिय सैन्य सेवा में नहीं होता है, वह सक्रिय ब्यूरोक्रेट होता है। 

सीडीएस का पद बनने के पहले सेना के तीनो अंगों- थल सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों की एक कमिटी होती थी। इसे चीफ्स ऑफ़ स्टाफ़ कमिटी कहते थे। इन तीनों में सबसे वरिष्ठ अफ़सर इस कमिटी का अध्यक्ष होता था। 

सीडीएस का पद बनने के बाद चीफ्स ऑफ़ स्टाफ़ कमिटी के अध्यक्ष का पद ख़त्म कर दिया गया, यह ज़िम्मेदारी सीडीएस को दे दी गई। सीडीएस के नीचे तीन प्रमुख बराबर हैं।

CCS to decide next CDS or, military chief after gen Bipin Rawat - Satya Hindi
जनरल एम. एम. नरवणे, थल सेना प्रमुख

रावत की ग़ैर मौजूदगी में थल सेना प्रमुख जनरल एम. एम. नरवणे तीनों सैन्य प्रमुखों में वरिष्ठतम हैं। 

आईडीएस

एक इंटीग्रेटेड डिफ़ेन्स स्टाफ़ भी होता है, जिसमें तीनों सेनाओं के उप प्रमुख होते हैं। इसका वरिष्ठतम अफ़सर आईडीएस का अध्यक्ष होता है। उसे वाइस सीडीएस कहा जाता है। लेकिन वाइस सीडीएस का पद औपचारिक नहीं होता, यानी उसे उप सीडीएस यानी सीडीएस के ठीक नीचे नहीं माना जा सकता है। मौजूदा वाइस सीडीएस एअर मार्शल बी. आर. कष्णा हैं। पर वे उप सीडीएस नहीं हैं। 

चीफ्स ऑफ़ स्टाफ़ कमिटी के अध्यक्ष का पद सीडीएस के बराबर होता है, पर यह महज औपचारिक होता है, इसके पास बहुत अधिक अधिकार नहीं होते। 

अगला सीडीएस कौन होगा, इसका फ़ैसला कैबिनेट कमिटी ऑफ़ सिक्योरिटी को करना है, यानी सरकार को करना है। इस कमिटी में केंद्र सरकार के मंत्री होते हैं।
यानी कुल मिला कर मामला यह है कि अब सरकार को निर्णय करना है कि अगला सीडीएस कौन हो। लेकिन सरकार के पास न तो कोई दिशा निर्देश है न ही पहले से तय कोई प्रक्रिया न ही कोई नज़ीर और न ही कोई वरीयता क्रम। 
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क़मर वहीद नक़वी
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