निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि टीएमसी नेता ने उद्योगपति गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने के लिए दुबई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार के बदले लोकसभा में सवाल पूछे। हालाँकि, मोइत्रा ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
लोकपाल ने सीबीआई से छह महीने के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई को जांच की स्थिति के संबंध में हर महीने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया है। महुआ मोइत्रा को पिछले साल कथित "अनैतिक आचरण" के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। कृष्णानगर के पूर्व सांसद को आगामी लोकसभा चुनाव में टीएमसी द्वारा उसी लोकसभा क्षेत्र से मैदान में उतारा गया है।
क्या है पूरा मामलाः अपनी शिकायत में, निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मोइत्रा ने अपने लोकसभा के सदस्य पोर्टल लॉगिन पासवर्ड को दर्शन हीरानंदानी के साथ साझा किया। दुबे ने कहा, बदले में हीरानंदानी ने संसद में मोइत्रा के नाम पर "सवाल पोस्ट किए"। भाजपा सांसद ने आगे आरोप लगाया कि मोइत्रा को संसद में सवाल पूछने के बदले हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद मिले।
अपनी शिकायत में, दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि मोइत्रा ने संसद में लगभग 50 सवाल पूछे जो हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों से जुड़े थे। मोइत्रा को कथित तौर पर 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले व्यवसायी से 75 लाख रुपये मिले थे।
मोइत्रा ने जय अनंत देहाद्राई को अपना पूर्व प्रेमी बताया था। ये दोनों लोग एक अन्य कोर्ट केस में भी पैरवी कर रहे हैं। लेकिन महुआ मोइत्रा के खिलाफ मामला तभी गरमाया जब उन्होंने उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर संसद में मोदी सरकार को असहज करने वाले सवाल किए। उन्होंने संसद के बाहर भी गौतम अडानी पर कई आरोप लगाया। संसद में गौतम अडानी, हिंडनबर्ग जांच रिपोर्ट को लेकर सबसे ज्यादा तीन लोग मुखर थे। जिनमें महुआ के अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी थे। इनमें से संजय सिंह जेल में हैं। महुआ मोइत्रा की सदस्यता जा चुकी है, और अब सीबीआई छापे का सामना कर रही है। राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी चली गई थी लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लोकसभा स्पीकर को बहाल करना पड़ा।
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