1984 में हुए सिख दंगों के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाया है। सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने दिल्ली के उस दंगे में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास सिखों की हत्या के लिए भीड़ को उकसाया था। उनके खिलाफ 20 मई को सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी।
39 साल पुराने सिख विरोधी दंगा मामले में सीबीआई ने अब सामने आई अपनी इस चार्जशीट में टाइटलर पर हत्या का आरोप लगाया है।
जगदीश टाइटलर के खिलाफ दायर चार्जशीट में प्रत्यक्षदर्शी गवाहों ने कांग्रेस नेता पर भीड़ को उकसाने और दंगों का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ,जगदीश टाइटलर ने भीड़ से पहले सिखों को मारने और फिर उनकी दुकानें और कीमती सामान लूटने के लिए कहा था।
चार्जशीट में कहा गया है कि कांग्रेस नेता ने दंगाइयों को आश्वासन दिया था कि उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सिखों की हुई हत्याओं की संख्या की तुलना अन्य स्थानों से की और दंगाईयों से और अधिक सिखों पर हमला करने को कहा था।
आए और भीड़ को उकसाना शुरू कर दिया
चार्जशीट में दर्ज एक गवाह के बयान में कहा गया है कि दंगों के दौरान कांग्रेस नेता अपनी सफेद एम्बेसडर कार से बाहर आए और भीड़ को उकसाना शुरू कर दिया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एक अन्य गवाह के बयान में कहा गया है कि तत्कालीन सांसद टाइटलर ने दिल्ली के आजाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश के पास भी दंगाईयों को उकसाया था। टाइटलर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए गुरुद्वारे के सामने इस दौरान मौजूद थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि उस दिन की स्थिति को देखने के बाद, बस में मौजूद उस सिख गवाह के सह-यात्रियों ने उन्हें अपनी पगड़ी उतारने और अपने घर वापस जाने की सलाह दी थी।
सीबीआई ने कहा है कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध है कि जगदीश टाइटलर दंगा करने वाली उस गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा थे जो गुरुद्वारा पुल बंगश के पास इकट्ठा हुई थी।
फिलहाल अदालत से टाइटलर को मिली राहत
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश में हुई हत्याओं से संबंधित मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर का जमानती बांड स्वीकार कर लिया है। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विधि गुप्ता आनंद ने इस दौरान कहा कि, आरोपी को पहले ही एक सत्र अदालत से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। अदालत ने सीबीआई को टाइटलर को भी चार्जशीट की एक कॉपी देने का निर्देश दिया है। कांग्रेस नेता टाइटलर शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए। उनकी पत्नी जेनिफर टाइटलर इस केस में उनकी जमानतदार बनीं हैं। अदालत ने जेनिफर की पहचान और वित्तीय स्थिति का सत्यापन करने के बाद उन्हें जमानतदार के रूप में स्वीकार कर लिया।
इससे पहले शुक्रवार को ही 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक केस में जगदीश टाइटलर को अग्रिम जमानत मिल गई थी। इधर दिल्ली में शनिवार को सिख संगठनों ने जगदीश टाइटलर को जमानत दिए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा है कि वे इस मामले में अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे कि टाइटलर की जमानत रद्द की जाए।
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