समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और मुखिया अखिलेश यादव और को आय से अधिक संपत्ति के मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो ने क्लीन चिट दे दी है। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल किए गए हलफ़नामे में कहा गया है कि उसे पिता और पुत्र के ख़िलाफ़ रेगुलर केस (आरसी) दर्ज करने के लिए उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है, इसलिए इस मामले में 7 अगस्त, 2013 को जाँच बंद कर दी गई थी।
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बता दें कि इसी साल 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश के ख़िलाफ़ आय से अधिक संपत्ति के कथित मामले में सीबीआई को जाँच की स्थिति के बारे में बताने का निर्देश दिया था और मुलायम सिंह को नोटिस जारी किया गया था। कांग्रेस नेता विश्वनाथ चतुर्वेदी की ओर से 2005 में आय से अधिक संपत्ति के मामले को लेकर याचिका दाख़िल की गई थी। याचिका में चतुर्वेदी ने माँग की थी कि अदालत इस मामले में सीबीआई को मुलायम सिंह, अखिलेश यादव उनकी पत्नी डिंपल, मुलायम सिंह के छोटे बेटे प्रतीक के ख़िलाफ़ कार्रवाई का निर्देश दे। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इन लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।
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सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2007 को अपने फ़ैसले में सीबीआई को इन आरोपों की जाँच करने का आदेश दिया था। अदालत ने 2012 में मुलायम और अखिलेश की ओर से इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया था और सीबीआई को जाँच आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था।लेकिन विश्वनाथ चतुर्वेदी ने हाल ही में एक बार फिर इस मामले में याचिका दाख़िल की थी। इस पर मुलायम सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाख़िल कर कहा था कि उनके ख़िलाफ़ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है। मुलायम सिंह ने कहा था कि लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए जानबूझकर उनके ख़िलाफ़ यह अर्जी दाख़िल की गई है। उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जाँच की थी, लेकिन विभाग को कुछ नहीं मिला था। ऐसे में उनके और उनके परिवार के ख़िलाफ़ दायर याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए।
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