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जम्मू-कश्मीर में कार में धमाका, जवानों की सुरक्षा पर सवाल

जम्मू-कश्मीर के रामबन ज़िले में शनिवार सुबह एक कार में धमाका हुआ। बताया गया है कि उस वक़्त वहाँ से सीआरपीएफ़ जवानों का काफ़िला भी गुजर रहा था। सीआरपीएफ़ के सूत्रों ने इसे हमला मानने से इनकार किया है। लेकिन इस हादसे से एक बार फिर सीआरपीएफ़ के जवानों की सुरक्षा में लापरवाही के सवाल उठ रहे हैं। 
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पुलिस के मुताबिक़, शुरुआती जाँच में यह पता चला है कि यह धमाका कार में लगे गैस सिलिंडर के फटने से हुआ है और इसमें किसी की मौत नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि कार का चालक बच गया। 

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बता दें कि पुलवामा के अवंतीपोरा में कुछ दिन पहले जैश के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने सीआरपीएफ़ जवानों के काफ़िले के एक वाहन को विस्फोटकों से भरी गाड़ी से टक्कर मार दी थी। इस हमले में 40 से ज़्यादा जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद भारत ने इस हमले का बदला लेने के लिए सुरक्षा बलों को खुली छूट देने का एलान किया था। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी। 
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पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर बम गिराए थे। भारत का कहना है कि पाकिस्तान लगातार आतंकवादियों को शरण देता रहा है जबकि पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में उसका हाथ होने से पूरी तरह इनकार किया था। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा था कि उनका देश आतंकवादियों को अपनी ज़मीन का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देता। 
पुलवामा हमले के बाद ख़ुफ़िया विभाग ने जानकारी दी थी कि सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ का भी ख़तरा है। ये आतंकी कश्मीर में हमलों को अंजाम देने के लिए स्थानीय कश्मीरी युवाओं का साथ लेने के इरादे से घुसपैठ कर सकते हैं। 5 से 6 आतंकियों का एक ग्रुप घुसपैठ के लिए तैयार है और गुरेज सेक्टर के आसपास अपने आकाओं से मंजूरी मिलने का इंतज़ार कर रहा है। पुलवामा हमले के बाद यह कहा जा रहा था कि जम्मू-कश्मीर की बग़ावत स्थानीय है और स्थानीय लोग ही आतंकवादी हमलों में शामिल हैं। 
पुलवामा हमले के बाद ख़ुफ़िया विभाग ने एक सोशल मीडिया ग्रुप को भेजा गया एक संदेश इंटरसेप्ट किया था जिसमें लिखा था, 'पिछले हफ़्ते हुआ 200 किग्रा का धमाका सिर्फ़ एक खिलौना था और अब 500 किग्रा के धमाके के लिए तैयार हो जाओ।' संदेश में और आतंकवादी हमलों की चेतावनी देते हुए सुरक्षा बलों से कश्मीरियों को निशाना न बनाने की बात कही गई थी। ख़ुफ़िया विभाग ने आशंका जताई थी कि आतंकवादी चौकीबल और तंगधार के रास्तों पर आईईडी विस्फ़ोट कर सकते हैं। 
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क़मर वहीद नक़वी
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