देश की राजनीति में हलचल मचाने वाले रफ़ाल सौदे पर सीएजी की रिपोर्ट मंगलवार को संसद में पेश हो सकती है। 36 रफ़ाल सौदे में गड़बड़ियों के आरोप लगाए जाने के बाद राजनीतिक रूप से यह काफ़ी विवादास्पद मामला बन गया है। कांग्रेस इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाती रही है। सौदे में अनियमितता बरतने संबंधी मीडिया में लगातार आ रही ख़बरों के बीच संसद में रफ़ाल पर सीएजी की रिपोर्ट से और भी ज़्यादा हंगामा होने के आसार हैं।
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है कि कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की यह रिपोर्ट मंगलवार को उस समय रखी जाएगी जब इसके एक दिन बाद ही लोकसभा का यह शीतकालीन सत्र समाप्त हो जाएगा। यह 16वीं लोकसभा का आख़िरी सत्र है क्योंकि आम चुनाव अप्रैल-मई में ही होने हैं।
- सीएजी की इस रिपोर्ट को संसद में रखे जाने पर एक और कारण से बवाल हो सकता है। इसके संकेत पहले ही मिल गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने रविवार को आरोप लगाया था कि सीएजी प्रमुख राजीव महर्षि के मामले में हितों के टकराव का मामला बनता है।
कपिल सिब्बल का कहना है कि जिस सीएजी की यह रिपोर्ट है, उसके प्रमुख राजीव महर्षि हैं और जब रफ़ाल सौदा तय हो रहा था तो वह वित्त सचिव थे। कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया है कि ख़ुद के किए काम की रिपोर्ट कोई कैसे तैयार कर सकता है।
सिब्बल ने कहा कि महर्षि 24 अक्टूबर, 2014 से लेकर 30 अगस्त, 2015 तक वित्त सचिव थे। इसी बीच 10 अप्रैल, 2015 को प्रधानमंत्री मोदी पेरिस गए और रफ़ाल सौदे पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की।’
- सिब्बल ने कहा, ‘ऐसी बातचीत में वित्त मंत्रालय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अब यह साफ़ है कि रफ़ाल सौदा राजीव महर्षि के अधीन हुआ था। अब वह सीएजी हैं। हम उनसे 19 सितंबर और 4 अक्टूबर, 2018 को दो बार मिले। हमने उन्हें स्कैम के बारे में बताया। हमने उनसे कहा कि सौदे की पड़ताल होनी चाहिए क्योंकि इसमें गड़बड़ी हुयी है। लेकिन वह अपने ख़िलाफ़ ही जाँच कैसे शुरू कर सकते हैं।’
कांग्रेस नेता के आरोपों का जवाब केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने दिया। उन्होंने हालाँकि यह कहकर सिब्बल के दावे को ख़ारिज कर दिया कि कांग्रेस झूठ के आधार पर सीएजी पर आरोप लगा रही है।
अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा, ‘झूठ के आधार पर संस्थाओं को तबाह करने वालों का सीएजी पर एक और हमला। दस साल सत्ता में रहने के बाद भी यूपीए मंत्रियों को यह पता नहीं है कि वित्त सचिव वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ सचिव को दिया गया सिर्फ़ एक पद है।’
बता दें कि कुछ हफ़्ते पहले ही रक्षा मंत्रालय ने रफ़ाल पर विस्तृत जवाब और संबंधित रिपोर्ट सीएजी को सौंपी थी, जिसमें ख़रीद प्रक्रिया की अहम जानकारी के साथ 36 रफ़ाल की क़ीमतें भी बताई गई थीं। अब इस रिपोर्ट का ही ऑडिट सीएजी ने किया है जिसे संसद में रखा जाना है।
रफ़ाल मुद्दे पर कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष सरकार को घेर रहा है। ये विपक्षी दल इस सौदे में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों के आरोप लगा रहे हैं। लोकसभा चुनाव में भी रफ़ाल का मुद्दा काफ़ी जोर पकड़ सकता है।
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