महान फुटबॉलर और फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले पेले ने संसार को अलविदा कह दिया है। उनकी उम्र 82 साल थी। वह कैंसर से जूझ रहे थे। बीते नवंबर से वह अस्पताल में भर्ती थे।
पेले का जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ट्रेस कोराकोएस के मिनस गेरैस शहर में हुआ था। उन्होंने फुटबॉल खेलना अपने पिता से सीखा था उनके पिता भी एक फुटबॉलर थे लेकिन बाद में घुटने की चोट की वजह से उन्हें यह खेल छोड़ना पड़ा था।
पेले को फुटबॉल जगत का आइकॉन यूं ही नहीं कहा जाता। उन्होंने महज 17 साल की उम्र में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया था और 1958 के विश्व कप के फाइनल में हैट्रिक जमाई थी।
इसके बाद उन्होंने फुटबॉल जगत में सबसे बेहतरीन टीम रही ब्राजील का नेतृत्व किया।
पेले ने अपने फुटबॉल करियर में 1281 गोल दागे थे हालांकि कुछ लोग उनके द्वारा दागे गए गोलों की संख्या 1279 या 1284 भी बताते हैं।
पेले ने ब्राजील के द्वारा तीन विश्व कप जीतने में अहम रोल निभाया था। यह विश्व कप 1958, 1962 और 1970 में खेले गए थे।
पेले लगभग दो दशक तक अपने प्रशंसकों के बीच बेहद लोकप्रिय रहे। वह ब्राजील की फुटबॉल टीम को ऊंचाइयों पर ले गए। जब भी फुटबॉल के महान खिलाड़ियों की बात होगी तो पेले के साथ ही डिएगो माराडोना, लियोनेल मेसी और क्रिस्टियानो रोनाल्डो का नाम जरूर लिया जाएगा।
कोलकाता आए थे पेले
सितंबर 1977 में जब पेले मैच खेलने भारत आए थे तो कोलकाता एयरपोर्ट पर उनकी एक झलक पाने के लिए पहले से लाखों लोग मौजूद थे। पेले को चाहने वालों की कोलकाता में अभी भी एक बड़ी तादाद है।
पेले को अपने शानदार प्रदर्शन के लिए सैकड़ों मैडल और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था। यह पेले का ही करिश्मा और उनकी मुस्कुराहट का असर था जिसने फुटबॉल को दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेल बनाने में मदद की।
पेले का असली नाम एडसन अरांतेस डो नैसिमेंटो था। उनके पिता डोंडिहो ने यह नाम अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस अल्वा एडिसन के नाम पर रखा था।
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