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तीन पहलवानों के खिलाफ बुधवार को प्रदर्शन करते जूनियर पहलवान। इस अखिल भारतीय प्रदर्शन बताया गया है।

ब्रजभूषण के गुंडे मेरी मां को धमका रहेः साक्षी मलिक, पहलवानों के खिलाफ 'प्रदर्शन'

पहलवान साक्षी मलिक ने बुधवार को कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के 'गुंडे' सक्रिय हो गए हैं। बृज भूषण के करीबी संजय सिंह के फेडरेशन का अध्यक्ष चुने जाने के बाद कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा करने वाली साक्षी ने कहा कि उनकी मां को धमकी भरे फोन आ रहे हैं। साक्षी मलिक ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ''हमारी सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।'' इस बीच एक नए घटनाक्रम के तहत साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट के खिलाफ बुधवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कहा जा रहा है कि इस प्रायोजित प्रदर्शन के पीछे भारतीय कुश्ती महासंघ के वे लोग हैं, जिन्हें चुने जाने के बाद सरकार ने हटा दिया। 

Brajbhushan's goons are threatening my mother: Sakshi, sponsored protest against wrestlers - Satya Hindi
साक्षी मलिक का फाइल फोटो
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के जूनियर पहलवान बुधवार को जंतर-मंतर पर बैनर लेकर एकत्र हुए, जिन पर लिखा था: "UWW (United World Wrestling) हमारी कुश्ती को इन 3 पहलवानों से बचाएं"। तीनों पहलवान बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का चेहरा रही हैं।

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साक्षी मलिक ने कहा- "हम जानते थे कि बृज भूषण प्रभावशाली हैं, लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इतने शक्तिशाली थे कि वह अपने निवास से किसी से चर्चा किए बिना राष्ट्रीय इवेंट (खेल प्रतियोगिता) घोषित कर देंगे। अब हम पर जूनियरों के कुश्ती करियर को खराब करने का आरोप लगाया जा रहा है। मैंने कुश्ती से संन्यास ले लिया है।" साक्षी मलिक ने कहा, "मैं चाहती हूं कि जूनियर लड़कियां वह पूरा करें जो मैं नहीं कर सकीं - मैं चाहती हूं कि वे देश के लिए रजत, स्वर्ण पदक जीतें। मैं नहीं चाहती कि किसी जूनियर को हमारे लिए कष्ट सहना पड़े।"

साक्षी ने कहा, "हमें नए महासंघ या तदर्थ समिति से कोई समस्या नहीं है। हमें केवल बृजभूषण के सहयोगी संजय सिंह से समस्या थी।"

साक्षी के संन्यास की घोषणा के बाद, बजरंग पुनिया ने पद्मश्री को फुटपाथ पर रख दिया, विनेश फोगाट ने उनके खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कारों को सड़क पर रख दिया। साक्षी मलिक ने बुधवार को कहा- "मैं पिछले एक साल से मानसिक और शारीरिक रूप से थक गई हूं। मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि बृजभूषण के सहयोगी संजय सिंह अध्यक्ष चुने जाएंगे।" जब साक्षी मलिक से पूछा गया कि क्या वह डब्ल्यूएफआई चुनाव लड़ना चाहती हैं, तो उन्होंने कहा, "मुझे नहीं पता कि मैं आगे क्या करूंगी।"

नियमों का पालन किए बिना राष्ट्रीय स्तर की घोषणा करने के लिए खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था। फिर तदर्थ समिति का गठन किया गया था। मंत्रालय ने कुछ समय के लिए महासंघ के मामलों का प्रबंधन करने का काम भारतीय ओलंपिक संघ को सौंप दिया।
निलंबित डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि वे तदर्थ समिति को मान्यता नहीं देते हैं और राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करेंगे।
निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा- "अगर हमारे राज्य संघ टीमें नहीं भेजेंगे तो वे (तदर्थ पैनल) राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं का आयोजन कैसे करेंगे? हम जल्द ही अपनी राष्ट्रीय चैम्पियनशिप आयोजित करेंगे। हम जल्द ही कार्यकारी समिति की बैठक बुला रहे हैं। ईसी बैठक की सूचना एक या दो दिन में भेजी जाएगी। हम राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराएंगे।'' संजय सिंह ने कहा कि निलंबित डब्ल्यूएफआई ने खेल मंत्रालय को लिखा है कि उन्होंने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है।

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क़मर वहीद नक़वी
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