योग गुरु बाबा रामदेव ने ट्वीट किया है कि चीन चीन तो विशुद्ध रूप से व्यावसायिक भाषा ही समझता है, हमें उसका आर्थिक बहिष्कार करना चाहिए और यह युद्ध से भी ज़्यादा ताक़तवर है।
रवि प्रकाश गुप्ता नाम के ट्विटर यूज़र ने योग गुरु रामदेव को जवाब देते हुए लिखा कि स्वामी जी हम चीनी उत्पादों से इस तरह घिर चुके हैं कि आपने यह ट्वीट जिस फ़ोन/कंप्यूटर से किया है, शायद वह या उसका कोई न कोई पार्ट चीन में ही बना हो सकता है।
कमाल ख़ान ने ट्वीट किया कि जो लोग #BoycottChineseProducts को ट्रेंड करा रहे हैं, उनमें से 80 प्रतिशत से ज़्यादा लोग चीन के बने मोबाइल फ़ोन का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
कृष्ण कांत सिंह नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा है कि जिस आतंकवादी ने पुलवामा में हुए हमले की ज़िम्मेदारी ली है और चीन उसे बचा रहा है, इसलिए हमें चीनी उत्पादों का बहिष्कार करना चाहिए।
पलक तिवारी नाम की ट्विटर यूज़र ने लिखा कि चीन आतंकवाद को सपोर्ट करता है और अब सभी भारतीयों को इसके उत्पादों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार निशांत चतुर्वेदी ने ट्वीट किया है कि हमें पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए, इससे चीन ख़ुद ही लाइन पर आ जाएगा और ऐसा तभी हो सकता है जब भारत आतंकवादी मसूद अज़हर को घर में घुस कर मार दे।
वाशिंगटन पोस्ट की पत्रकार निहा मसीह ने ट्वीट किया कि चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील करने वाले लोग चीन में ही बने, श्याओमी, वीवो, ओप्पो, वावे और जियोनी कंपनी के मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारतीय बाज़ार में चीनी उत्पादों की जोरदार बिक्री होती है। लेकिन पिछले दो-तीन सालों से देखा गया है कि दीपावली के मौक़े पर चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील हिंदू संगठनों की ओर से जोर-शोर से की जाती है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर जोरदार अभियान चलाया जाता है कि चीनी उत्पादों का पूरी तरह बहिष्कार कर दिया जाए। उरी में हुए हमले के बाद चीन पर पाकिस्तान का बचाव करने का आरोप लगाते हुए भी चीन के उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई थी। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश का समर्थन करने से इनकार करने पर भी भारत में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की गई थी।
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