यौन शोषण के आरोपी बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह अकेले बीजेपी नेता नहीं हैं, जिन पर इस तरह का आरोप लगा हो। बीजेपी में ऐसे नेताओं की भरमार है। देश की नामी पहलवानों के धरने का आज 5वां दिन है लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनकी शिकायत पर एफआईआर तक नहीं लिखी। अब सारा दारोमदार सुप्रीम कोर्ट पर है, जहां कल शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होनी है।
सत्य हिन्दी और इंडियन एक्सप्रेस पर आप पढ़ चुके हैं कि बाहुबली सांसद किस तरह खिलाड़ी लड़कियों को नेशनल कैंप से रात में बुलवाता था। फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक ने बहुत सनसनीखेज खुलासा किया है। इसके बावजूद बीजेपी ने अपने इस सांसद पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की है। बीजेपी जिस तरह से चुप है, उससे लगता है कि ब्रजभूषण शरण सिंह को उच्चस्तर पर पार्टी का संरक्षण प्राप्त है। लेकिन बीजेपी में ऐसे और भी नेता हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है।
इसमें सबसे रोचक मामला पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद का है। जिन पर शाहजहांपुर की एक छात्रा ने रेप के आरोप लगाए। चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया। लेकिन जुलाई 2022 में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आरोपी चिन्मयानंद पर से केस वापस ले लिए। हालांकि बाद में अदालत ने यूपी सरकार की उस अर्जी को खारिज कर दिया जो उसने अदालत में चिन्मयानंद के समर्थन में लगाई थी। लाइव लॉ की रिपोर्ट बताती है कि जब शाहजहांपुर की कोर्ट ने सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया तो आरोपी चिन्मयानंद हाईकोर्ट चले गए, जहां मामले पेंडिंग है। बता दें कि बीजेपी के इस नेता पर महिला ने बार-बार रेप करने, वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने और जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए थे।
उन्नाव गैंगरेप केस के नाम से मशहूर बीजेपी के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का मामला स्वामी चिन्मयानंद के मामले से कम रोचक नहीं है। 2017 में उन्नाव शहर में 17 साल की छात्रा से गैंगरेप हुआ था। केस दर्ज करने और जांच की मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के सामने प्रदर्शन हुए। छात्रा के पिता को उल्टा पुलिस ने किसी अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया। लड़की के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। उसके बाद मीडिया ने इस मामले को उठाना शुरू किया। तब जाकर बीजेपी नेता कुलदीप सिंह सेंगर पर केस दर्ज हुआ। लेकिन इसी दौरान सड़क हादसे में लड़की के परिवार के दो लोगों की मौत हो गई। मीडिया की सक्रियता से मामला अंजाम को पहुंचा और सेंगर गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन अभी भी सेंगर परिवार के लोग बीजेपी में हैं और पार्टी ने उनसे कभी किनारा नहीं किया।
अगस्त 2021 में न्यूज लॉन्ड्री की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि केंद्र की मोदी सरकार के पांच मंत्री ऐसे हैं, जिनके खिलाफ सबसे ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। इन मंत्रियों के नाम हैं- पंकज चौधरी, शांतनु ठाकुर, निशीथ प्रमाणिक, जॉन बराला और एल मुरुगन। हालांकि एडीआर ने बताया कि मोदी के 78 मंत्रियों में से 33 के खिलाफ आपराधिक मामले चल रहे हैं। इनमें से यूपी में महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी के खिलाफ कई गंभीर मामले हैं। यह शख्स नेशनल राइफल एसोसिएशन और बैडमिंटन एसोसिएशन से भी जुड़ा रहा है। शांतनु ठाकुर बंगाल में बीजेपी के धुरंधर नेता और सांसद हैं। उन पर भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। बंगाल से ही निशीथ प्रमाणिक और जॉन बराला भी बीजेपी सांसद हैं और इन पर दर्जनों केस चल रहे हैं। तमिलनाडु के दलित नेता एल मुरुगन को बीजेपी ने तमाम ऐसे पदों पर रखा, जिससे उन्हें सरकारी सुविधाएं मिलती रहें। लेकिन उन पर 21 आपराधिक मामले चल रहे हैं। वो प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष रहे। वो राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन रहे। अभी भी केंद्रीय मंत्री हैं।
यूपी में गैंगस्टर से नेता बने और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की हत्या के बाद समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने राज्य के कथित टॉप अपराधियों की सूची ट्विटर पर जारी की और पूछा कि योगी सरकार इन पर कार्रवाई कब करेगी। सपा की सूची में जो नाम हैं वे या तो भाजपा समर्थक हैं या भाजपा में हैं। सपा की सूची वाले कुछ नामों पर नजर डालिए - बृजेश सिंह वाराणसी 106 केस, कुलदीप सिंह सेंगर उन्नाव 28 केस, धनन्जय सिंह जौनपुर 46 केस, राजा भैया प्रतापगढ़ 31 केस। हालांकि अतीक अहमद भी काफी दिनों से बीजेपी के संपर्क में थे। आरोप है कि उन्होंने बीजेपी की सलाह पर जेल से फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था, ताकि सपा के मुस्लिम मतदाताओं को प्रभावित किया जा सके। हालांकि अतीक के साथ मिलकर खेली गई यह चाल कामयाब नहीं हो पाई। इलाहाबाद के बीजेपी नेता नंद गोपाल नंदी से भी अतीक के बेहतर संबंध रहे हैं।
बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और सीपीएम के कई नेता बीजेपी के रडार पर रहे हैं। कुछ के खिलाफ सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स ने छापे मारे। लेकिन टीएमसी के कुछ नेता जब बीजेपी में आ गए तो उनके सारे केस दब गए। जहां तक ब्रजभूषण शरण सिंह का संंबंध है, बीजेपी और संघ के अयोध्या आंदोलन से इस बीजेपी सांसद का बहुत निकट का रिश्ता रहा है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से सीधा संबंध है। भारतीय कुश्ती महासंघ में तमाम स्कैंडल के बावजूद ब्रजभूषण शरण सिंह की कुर्सी को हिलाया नहीं जा सका है। महिला अस्मिता और बेटी बचाओ जैसा नारे देने वाली पार्टी का महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न पर चुप रहना चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां तक पिछली बार सक्रिय होने वाला केंद्रीय खेल मंत्रालय इस बार चुप्पी साधे हुए है। इसके मंत्री अनुराग ठाकुर अपने बिगड़े बोल के लिए जाने जाते हैं।
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