बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद पर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोइत्रा ने 'संसद में सवाल पूछने' के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लिए। निशिकांत दुबे ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। उन्होंने महुआ मोइत्रा के सवाल के लिए कथित तौर पर पैसे लेने और जाँच कराने के लिए उन्हें सदन से तत्काल निलंबित करने की मांग की।
महुआ मोइत्रा ने आरोपों को खारिज कर दिया है और कहा है कि जांच के लिए सीबीआई का स्वागत है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मेरे दरवाजे पर आने से पहले सीबीआई अडानी के ख़िलाफ़ जो मामले लंबित हैं उसकी जाँच कर ले।
Also welcome @CBIHeadquarters enquiry into my alleged money laundering right after they finish investigating Adani’s offshore money trail, over invoicing, benami accounts.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 15, 2023
Adani may use BJP agencies to browbeat competition & buy airports but just try doing it with me.
एक वकील के शोध का हवाला देते हुए निशिकांत दुबे ने कहा कि महुआ मोइत्रा के हालिया 61 सवालों में से 50 'श्री दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों को बचाने या उन्हें बनाए रखने के इरादे से जानकारी मांगते हैं।' उन्होंने कहा है, 'सवाल अक्सर उस अदानी समूह पर भी केंद्रित थे जो एक अन्य व्यापारिक समूह हीरानंदानी समूह के खिलाफ व्यापार में प्रतिस्पर्धी है।'
यह वही अडानी समूह है जिसके ख़िलाफ़ 24 जनवरी की एक रिपोर्ट में यूएस शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप पर स्टॉक में हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि उसने अपनी रिसर्च में अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित दर्जनों व्यक्तियों से बात की, हजारों दस्तावेजों की जांच की और इसकी जांच के लिए लगभग आधा दर्जन देशों में जाकर साइट का दौरा किया। हालाँकि अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन किया है। इस रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह की क़ीमतें शेयर बाज़ार में धड़ाम गिरी हैं। इस मामले के सामने आने के बाद से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अडानी के मुद्दे को उठा रही हैं। उन्होंने लगातार इस मुद्दे को उठाया है। संसद से लेकर सोशल मीडिया तक पर।
फरवरी महीने में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने न केवल अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए थे, बल्कि सेबी को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था। उन्होंने कहा था कि 'सेबी और अडानी के बीच सांठगांठ है। सेबी में उनके रिश्तेदार बैठे हैं, इसलिए उन्होंने अनदेखी की। अडानी ने उनकी मिलीभगत से मनमाने तरीके से सब किया।'
Greatest respect for ace lawyer Cyril Shroff but his daughter is married to Gautam Adani’s son. Shroff serves on SEBI’s Committee on Corporate Governance & Insider Trading. If at all @SEBI_India is examining Adani issue, Shroff should recuse himself.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) February 3, 2023
Perceptions are Reality.
आज यानी रविवार को भी जब निशिकांत दुबे ने टीएमसी सांसद के ख़िलाफ़ आरोप लगाया तो महुआ ने अडानी का ज़िक्र करते हुए कहा, 'अगर अडानी समूह मुझे चुप कराने या नीचे गिराने के लिए संदिग्ध संघियों द्वारा बनाए गए और फर्जी डिग्री वालों द्वारा प्रसारित संदिग्ध डोजियर पर भरोसा कर रहा है, तो मैं उन्हें सलाह दूंगी कि वे अपना समय बर्बाद न करें। अपने वकीलों का बुद्धिमानी से इस्तेमाल करें।'
महुआ ने एक ट्वीट में कहा, 'फर्जी डिग्रीवाला और अन्य बीजेपी के दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार उल्लंघन के कई मामले लंबित हैं। अध्यक्ष द्वारा उन पर कार्यवाही ख़त्म करने के तुरंत बाद मेरे विरुद्ध किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है। मेरे दरवाजे पर आने से पहले अडानी कोयला घोटाले में ईडी और अन्य लोगों द्वारा एफआईआर दर्ज करने का भी इंतजार कर रही हूं।'
Multiple breach of privileges pending against fake degreewala & other @BJP4India luminaries. Welcome any motions against me right after Speaker finishes dealing with those.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) October 15, 2023
Also waiting for @dir_ed & others to file FIR in Adani coal scam before coming to my doorstep.
11 सांसद को इसी भारतीय संसद ने प्रश्न पैसे लेने के कारण सदस्यता रद्द कर दिया था, आज भी चोरी और सीनाज़ोरी नहीं चलेगी,एक व्यापारी ख़राब लेकिन दूसरे व्यापारी से 35 जोड़ी जूते श्रीमती मारकोस की आत्मा की तरह Hermes,LV,Gucci का बैग,पर्स,कपड़े,नक़द हवाला से पैसे नहीं चलेंगे । सदस्यता तो…
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) October 15, 2023
निशिकांत दुबे ने ट्वीट में जिस 11 सांसदों का ज़िक्र किया है वह दरअसल, एक स्टिंग से जुड़ा मामला था। तत्कालीन सांसदों के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन दो पत्रकारों ने किया था और इसे 12 दिसंबर, 2005 को एक निजी समाचार चैनल पर प्रसारित किया गया था। इसको कैश-फॉर-क्वेश्चन घोटाले के रूप में जाना गया।
दिल्ली पुलिस ने इन सांसदों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है क्योंकि वे संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान पैसे मांगते हुए कैमरे पर पकड़े गए थे।
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