loader
मणिपुर के भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप

मणिपुर के भाजपा विधायक ने कहा- पीएम मोदी की प्राथमिकताएं गलत हैं

मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी  के विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि 79 दिनों के बारे में भूल जाइए, इतनी बड़ी हिंसा के लिए एक सप्ताह भी (प्रतिक्रिया में देरी) एक लंबा समय है। राज्य में कुकी-ज़ोमी समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में, भाजपा विधायक का मानना ​​है कि पीएम मोदी की प्राथमिकताएं 'पूरी तरह से गलत' हैं। उन्होंने अमेरिका यात्रा के लिए रवाना होने से पहले प्रधान मंत्री तक पहुंचने के अपने असफल प्रयास को याद किया। 
न्यूज़लॉन्ड्री के साथ एक इंटरव्यू में, हाओकिप ने कहा, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के महत्व (प्रधानमंत्री की अमेरिकी यात्रा के एक भाग के रूप में) को नजरअंदाज किए बिना, जहां लोग मारे जा रहे हैं, उस मामले को सुलझाने पर ध्यान देना 'थोड़ी सी मानवता' है, जिसकी 'कमी' है। 
ताजा ख़बरें
उन्होंने कहा- “हमने जनता के प्रतिनिधि के रूप में प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगा है। कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। हम आज तक उन्हें स्थिति की गंभीरता से अवगत कराने के अवसर का इंतजार कर रहे हैं।''

हाओकिप उन 10 कुकी विधायकों में शामिल हैं, जिन्होंने एक पत्र में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर आदिवासी समूह की 'रक्षा करने में गंभीर विफलता' का आरोप लगाते हुए एक 'अलग प्रशासन' की मांग की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि "3 मई, 2023 को चिन-कुकी-मिज़ो-ज़ोमी पहाड़ी आदिवासियों के खिलाफ मणिपुर की मौजूदा सरकार द्वारा मौन रूप से समर्थित बहुसंख्यक मैतेई लोगों द्वारा शुरू की गई बेरोकटोक हिंसा ने पहले ही राज्य को विभाजित कर दिया है और मणिपुर से पूर्ण अलगाव को प्रभावित किया है"।
विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध की चार घटनाओं का जिक्र किया। बाजपा विधायक हाओकिप ने तर्क दिया कि क्या राज्य में अत्याचारों पर ध्यान देने के लिए मुख्यमंत्री, प्रधान मंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री को उन घटनाओं के ऑडियो-विजुअल की आवश्यकता होगी। उन्होंने पूछा, "क्या राज्य सरकार को ऐसी अमानवीय क्रूरताओं पर कार्रवाई नहीं करनी चाहिए?" उन्होंने कहा कि यह या तो सीएम की 'पूर्ण अक्षमता या लीपापोती' है, जब वो दावा करते हैं कि उन्हें इस घटना के बारे में पता चला, जब लगभग दो महीने पहले एफआईआर दर्ज होने के बावजूद दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था। विधायक ने कहा-"मुझे लगता है कि यह एक लीपापोती है।" 

इस मुद्दे पर हाओकिप ने कहा कि एक देश के रूप में, मानवाधिकार संबंधी चिंताओं और किसी व्यक्ति की गरिमा को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर पार्टी लाइनों से परे जाना महत्वपूर्ण है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें