बीबीसी के ऑफिस में हुए आयकर सर्वे को लेकर ब्रिटेन के
मंत्री द्वारा सवाल उठाए गये थे। जी-20 सम्मेलन में भाग लेने आए ब्रिटेन के विदेश
मंत्री जेम्स क्लेवरली ने विदेश मंत्री के साथ हुई बातचीत में इस मसले को उठाया था।
आज भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बीबीसी के दफ्तरों पर
हुए सर्वे में भारत का पक्ष रखते हुए क्लेवरली को जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत
में काम करने वाली सभी संस्थाओं को देश(भारत) के कानूनों का पालन करना चाहिए।
बीबीसी के दफ्तरों में हुई छापेमारी का मसला ब्रिटेन की संसद
मे भी उठाया जा चुका है। इनसे स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमले के तौर पर देखा जा रहा
है। ब्रिटेन की सरकार ने इस मसले पर बीबीसी का साथ दिया था। ब्रिटेन के विदेशमंत्री
की एस.जयशंकर के साथ हुई बातचीत उसी का हिस्सा है।
ज्ञात हो कि पिछले महीने आयकर विभाग ने करों के भुगतान में
अनियमितताओं के आरोपों को बीबीसी के दिल्ली और मुंबई ऑफिस में तीन दिनों तक तलाशी
ली थी। सर्वे के दौरान सीनियर स्टाफ को सवालों के जवाब देने के लिए रातभर रुकना
पड़ा था।
बीबीसी के प्रमुख ने नई दिल्ली और
मुंबई के उसके दफ्तरों में आयकर विभाग के ‘सर्वे' के बाद कहा था कि
बीबीसी किसी ‘‘एजेंडे'' से नहीं, बल्कि
उद्देश्य से संचालित है। वह निष्पक्ष और
बिना किसी डर के रिपोर्टिंग करता रहेगा।
बीबीसी के दफ्तरों में यह सर्वे ऐसे समय हुआ था जब कुछ दिनों
पहले लंदन स्थित बीबीसी हेडक्वार्टर से डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन प्रसारित की गई थी। जबकि डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण भारत में नहीं किया
गया था। भारत सरकार की तरफ से इस पर बैन लगा दिया गया था। डॉक्यूमेंट्री में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 2002 के गुजरात दंगों का संदर्भ दिया गया था।
बीबीसी के दफ्तरों में हुए आयकर विभाग के सर्वे के बाद से देशभर में इसकी आलोचना की गई थी। विपक्ष ने इसे स्वतंत्र पत्रकारिता करने वालों को डराने का ्प्रयास बताया गया था। और आशंकाएं जताईं थी कि आने वाले दिनों में भारत में कोई स्वतंत्र प्रेस नहीं होगा।
भारत
सरकार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रोपेगेंडा और कोलोनियल मांइडसेट के साथ
किया गया दुष्प्रचार बताया था। उसके कुछ दिनों बाद ही बीबीसी के दफ्तरों में आयकर
विभाग का सर्वे हुआ था।
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