बाबरी मसजिद विध्वंस की बरसी पर विश्व हिंदू परिषद इस बार किसी बड़े कार्यक्रम का आयोजन नहीं कर रही है। परिषद के अनुसार उसका सारा फ़ोकस दिल्ली की धर्मसभा को सफल बनाने पर है। लेकिन समझा यह जा रहा है कि इसके पीछे कारण 25 नवंबर को विहिप की ओर से अयोध्या में आयोजित की गई जनसभा में भीड़ नहीं जुटना है।
बाबरी मसजिद विध्वंस की बरसी 6 दिसम्बर पर विहिप व बाबरी मसजिद ऐक्शन कमिटी ने अपने कार्यक्रम को केवल रस्म अदायगी तक ही सीमित कर दिया है। विहिप का अब सारा फ़ोकस दिल्ली की धर्मसभा को सफल बनाने पर है। विहिप के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक़ अब अयोध्या में शौर्य दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में 6 दिसम्बर को केवल स्थानीय स्तर के संत ही हिस्सा लेंगे।कारसेवक पुरम में आयोजित होने वाले संकल्प दिवस के कार्यक्रम में संत राम मंदिर के निर्माण का संकल्प ही दोहराएँगे। इस कार्यक्रम में विहिप का कोई बड़ा पदाधिकारी भी शामिल नहीं हो रहा है। शरद शर्मा के मुताबिक़, अयोध्या में बड़ी धर्मसभा करने के बाद अब 6 दिसम्बर के कार्यक्रम को परम्परागत शैली पर ही करने का निर्णय किया गया है। पिछले सालों में भी 6 दिसम्बर को स्थानीय स्तर पर ही संत सम्मेलन का आयोजन कारसेवक पुरम में होता रहा है। बताया गया कि अगले चरण के कार्यक्रम तय हैं जो 18 से 25 दिसम्बर तक चलेंगे। इसमें सारे देश में सभी पंथों के अनुष्ठान के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। अयोध्या में भी इस दौरान हिंदू, सिख, जैन आदि धर्मों के धार्मिक अनुष्ठान करके सबको जोड़ने का प्रयास किया जाएगा जिससे राम मंदिर के मामले में धार्मिक मतांतर न हो।विहिप जहाँ कारसेवक पुरम में शौर्य दिवस का स्थानीय स्तर का कार्यक्रम करेगी, वहीं बाबरी मसजिद ऐक्शन कमिटी काला दिवस मनाने के लिए बेनीगंज व टेढ़ीबाजार में यौम-ए-ग़म कार्यक्रम का आयोजन करेगी। मुसलिम समुदाय के लोग अपने प्रतिष्ठान बंद रखेंगे और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज़ कराएँगे।
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