स्वामी ने हाल ही में न्यूज़ वेबसाइट हफ़िंगटन पोस्ट को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘अगर आप प्रेस कॉन्फ़्रेंस देखें तो वह (वित्त मंत्री) सवालों का जवाब देने के लिए माइक को सरकारी अधिकारियों को सौंप रही हैं। देश में आज क्या दिक्कत है। कमजोर माँग। आपूर्ति कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वह क्या कर रही हैं? वह कॉरपोरेट्स को टैक्स में छूट दे रही हैं। कॉरपोरेट्स के पास आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में है। वे सिर्फ इसका इस्तेमाल करेंगे।’ स्वामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार उन्हें सच बताने में भी डर रहे हैं।
कुछ दिन पहले ही आरबीआई के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने साफ़ कहा था कि अर्थव्यवस्था खस्ता हालत में है और ऐसे में 2025 तक पाँच ट्रिलियन (ख़रब) डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का सरकार का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा।
जीडीपी के 4.5% तक गिर जाने पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इसे लेकर चिंता जताई थी। पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि हमें समाज में भय के माहौल को बदलकर भरोसे वाला माहौल बनाने की ज़रूरत है, तभी हम 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से विकास करना शुरू कर सकते हैं। सिंह ने कहा था, ‘जीडीपी के आंकड़े 4.5 प्रतिशत से कम हैं। 8-9 प्रतिशत की विकास दर से बढ़ने वाले देश के लिए ये आंकड़े पूरी तरह अस्वीकार्य हैं और बेहद चिंताजनक भी हैं।’
स्वामी ने जीडीपी के 4.5% तक पहुंच जाने को लेकर कहा कि यह 1.5 प्रतिशत के आसपास है। स्वामी ने कहा, ‘क्या आप जानते हैं कि आज वास्तविक विकास दर क्या है? वे कह रहे हैं कि यह 4.8% है लेकिन मैं कह रहा हूँ कि यह 1.5 प्रतिशत है।’
इस साल सितंबर में अंग्रेज़ी वेबसाइट 'द प्रिंट' के लिए लिखे एक लेख में स्वामी ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्थव्यवस्था के लिए उन लोगों पर निर्भर हैं जो उन्हें आर्थिक जगत का कड़वा सच नहीं बताते, बल्कि वही कहते हैं जो प्रधानमंत्री सुनना चाहते हैं और यह देश के लिए बेहद ख़तरनाक है। स्वामी ने कहा था कि ऐसे लोग मोदी को अर्थव्यवस्था की सूक्ष्म बातें नहीं समझाते या यह नहीं बताते कि उन्हें कब क्या करना चाहिए।
सरकार जिद पर अड़ी
जीडीपी के लगातार गिरने के बाद भी शायद सरकार यह मानने के लिए तैयार नहीं है कि अर्थव्यवस्था की हालत चिंताजनक है। जीडीपी के ताज़ा आंकड़े सामने आने के बाद सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यन ने कहा है कि हमें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान अर्थव्यवस्था की विकास दर रफ्तार पकड़ सकती है। उन्होंने कहा, ‘हम एक बार फिर कह रहे हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी रहेगी। तीसरी तिमाही में जीडीपी के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है।’
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