बेंगुलुरू में भी कोरोना वायरस की जांच करने गई एक महिला आशा कर्मी पर 50 से ज़्यादा लोगों ने हमला कर दिया। यह घटना उत्तर-पूर्व बेंगुलुरू के सादिक़ नगर में हुई। 14 आशा स्वास्थ्य कर्मियों के एक दल को इस इलाक़े में सर्वे करने भेजा गया था। इस दल में पीड़ित स्वास्थ्य कर्मी कृष्णावेणी भी थीं। इसके पास के सराईपाल्या इलाक़े में कोरोना टेस्ट का एक पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद सादिक़ नगर में सर्वे कराया गया था। इससे पहले इंदौर में जांच करने पहुंचे डॉक्टर्स को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया था।
घटना के बाद कृष्णावेणी के घर राज्य के उपमुख्यमंत्री सी.एन.अश्वथ नारायण पहुंचे। कृष्णावेणी ने उन्हें बताया कि एक धार्मिक स्थल के प्रार्थना हाल से इस बात की घोषणा की गई कि आशा कर्मियों को कोई जानकारी न दी जाए क्योंकि सरकार इसके जरिये एनआरसी के लिये जानकारी जुटा रही है।
'मुझे धक्का दिया और घसीटा’
कृष्णावेणी ने उपमुख्यमंत्री को बताया, ‘इसके तुरंत बाद भीड़ ने मुझे और अन्य आशा कर्मियों को घेर लिया और मुझे धक्का दिया और घसीटा।’ उपमुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि अभियुक्तों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जायेगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलु ने ट्वीट कर कहा कि नर्स और आशा कर्मियों पर हमला करना कायराना कृत्य है और ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी।
गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह घटना तब हुई जब आशा कर्मी इस बात की जांच करने गई थीं कि इलाक़े का कोई व्यक्ति तब्लीग़ी जमात के लोगों के संपर्क में तो नहीं आया है।
एक अन्य स्वास्थ्य कर्मी विजय ने कहा कि हम लोग उनसे परिवार के मुखिया का नाम, उम्र, परिवार के सदस्यों और क्या उन्हें खांसी, बुखार या कोई और दिक्कत है, इस बारे में पूछ रहे थे लेकिन न जाने क्यों उन्होंने हम पर हमला कर दिया।
ऐसे समय में जब पूरा भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ने में जुटा हुआ है, कई जगहों से डॉक्टर्स, स्वास्थ्य कर्मियों से अभद्रता की ख़बरें आ रही हैं। इंदौर के अलावा ग़ाज़ियाबाद और दिल्ली के क्वरेंटीन सेंटर में रखे गये तब्लीग़ी जमात के सदस्यों के बारे में शिकायत दर्ज कराई गई है कि वे लोग डॉक्टर्स पर थूक रहे हैं, उनसे अभद्रता कर रहे हैं। ऐसे में कैसे स्वास्थ्य कर्मी अपना काम करेंगे और वे ही अगर काम नहीं कर पायेंगे तो इस लड़ाई से जीतना बेहद मुश्किल हो जायेगा।
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