जानी-मानी अभिनेत्री आशा पारेख को साल 2020 का बेहद प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार दिया जाएगा। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को इसका एलान किया। आशा पारेख को सिनेमा के क्षेत्र में दिए गए अपने योगदान के लिए साल 1992 में पद्मश्री का पुरस्कार दिया गया था।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है।
मशहूर अभिनेता रजनीकांत को साल 2019 के लिए दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जबकि उससे पहले हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री में सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया था।
आशा पारेख ने बॉलीवुड में अपना करियर बतौर बाल कलाकार 1952 में आई फिल्म आसमान से शुरू किया था। इसके बाद उन्होंने दो बदन, उपकार, कारवां जैसी कई नामी फिल्मों में काम किया।
79 साल की आशा पारेख 1950 से 1973 तक भारतीय हिंदी सिनेमा की मशहूर अदाकाराओं में से एक रही हैं। वह सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन यानी सेंसर बोर्ड की पहली महिला चेयरपर्सन भी रही हैं।
इन मशहूर फिल्मों में किया काम
आशा पारेख ने दिल देके देखो, जब प्यार किसी से होता है (1961), फिर वही दिल लाया हूं (1963), तीसरी मंजिल (1966), बहारों के सपने (1967), प्यार का मौसम, दो बदन (1966), चिराग (1969) और मैं तुलसी तेरे आंगन की सहित कई कई अन्य फिल्मों में अभिनय किया। वह प्रोफेसर की पड़ोसन और भाग्यवान (1993), घर की इज्जत (1994) और आंदोलन (1995) में भी देखी गयी थीं। उन्होंने गुजराती, पंजाबी और कन्नड़ फिल्मों सहित सभी भाषाओं की क्षेत्रीय फिल्मों में भी अभिनय किया।
अभिनय छोड़ने के बाद आशा ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी आकृति के बैनर तले पलाश के फूल, बाजे पायल, कोरा कागज़ और दाल में काला आदि धारावाहिक बनाए। साल 2008 में, वह 9X पर रियलिटी शो त्योहार धमाका में जज थीं।
अविवाहित रहीं
यह मशहूर अदाकारा अविवाहित रहीं। शादी नहीं करने के बारे में बात करते हुए उन्होंने हाल ही में हार्पर बाजार इंडिया को बताया था कि शादी उनकी किस्मत में नहीं थी और उन्हें शादी न होने को लेकर कोई पछतावा नहीं है। आशा अक्सर अपने सेलिब्रिटी दोस्तों के साथ इंस्टाग्राम पर और टेलीविजन पर टैलेंट रियलिटी शो में दिखती हैं। उन्होंने पिछले साल दिग्गज अभिनेता वहीदा रहमान और जैकी श्रॉफ के साथ अपना जन्मदिन मनाया था।
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