ज्ञानवापी मस्जिद मामले में चल रहे घटनाक्रमों के बीच एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और क़यामत तक रहेगी।
ओवैसी ने यह बात सोमवार को गुजरात के वडमाम के छापी में आयोजित जनसभा में कही।
ओवैसी ने कहा कि जब वह 19-20 साल के थे तब बाबरी मस्जिद को उनसे छीन लिया गया लेकिन हम अब 19-20 साल के बच्चों की आंखों के सामने एक और मस्जिद को नहीं खोएंगे। उन्होंने लोगों से कहा कि क्या वे संकल्प लेते हैं कि वह किसी और मस्जिद को नहीं खोएंगे। उनकी इस बात पर तमाम लोगों ने उन्हें अपना समर्थन दिया।
मौर्य का बयान
वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले में कहा है कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।
ओवैसी ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि जिस तरह बाबरी मस्जिद को छीना गया, वैसा ही इतिहास दोहराया जा रहा है। ओवैसी ने कहा कि कल अगर वह अदालत से जाकर यह कहें कि प्रधानमंत्री के सरकारी निवास के नीचे मस्जिद है तो क्या उन्हें इसकी खुदाई करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि बीजेपी और संघ परिवार देश को 1990 के दशक में ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
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शिवलिंग मिलने का दावा
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में सोमवार को सर्वे का काम पूरा हो गया है। सर्वे के बाद हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ज्ञानवापी मस्जिद में नंदी के सामने शिवलिंग मिला है जबकि मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि शिवलिंग मिलने की बात गलत है। इस मामले में अदालत की ओर से नियुक्त किए गए कमिश्नर अब अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा है कि एक स्थानीय अदालत ने शिवलिंग को संरक्षित करने और उस जगह को सील करने के निर्देश पुलिस और प्रशासन को दिए हैं। वहां पर वजू करने पर भी रोक लगा दी गई है।
शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वहां मौजूद लोगों ने नारेबाजी की।
सियासी माहौल गर्म
बीते कुछ ही दिनों में ज्ञानवापी मस्जिद का मामला बेहद तूल पकड़ गया है। टीवी चैनलों, अखबारों, सोशल मीडिया और तमाम गली-चौराहों व नुक्कड़ों पर ज्ञानवापी मस्जिद के मामले की जबरदस्त चर्चा है। यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर देश में सियासी संग्राम छिड़ सकता है।
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