सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि यह अस्पताल का कोई वार्ड है ही नहीं क्योंकि वहाँ मेडिसिन कैबिनेट, आईवी फ्लुइड के स्टैंड या कोई दूसरा मेडिकल इक्विपमेंट नहीं दिख रहे हैं।
फोटो-ऑप?
इसके अलावा वहाँ दीवाल से लटकता हुआ एक प्रोजेक्टर भी देखा जा सकता है। लोगों का कहना है कि जिस तरह से बिस्तर और चमकती हुई दीवालें या फर्श हैं, उससे भी ऐसा नहीं लगता है कि यह अस्पताल का वार्ड है।आलोचकों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो खिंचवाने और वीडियो बनाने के लिए तैयार किया हुआ यह नकली वार्ड है।
किसी डॉक्टर रोशन आर ने ट्वीट कर कहा कि उन्हें याद नहीं आ रहा कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा कोई वार्ड देखा है जहाँ कहीं कोई मेडिकल इक्विपमेंट नहीं है।
To paraphrase a certain 'journalist' -
— Doctor Roshan R 🌍 (@pythoroshan) July 4, 2020
Not in living memory have I ever seen a hospital ward filled with patients that had a projector & screen at the end.
Not in living memory have I seen a ward with zero medical equipment available at any angle. pic.twitter.com/dUFfOFvIB6
#ChaiWalaMBBS
— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) July 4, 2020
These are the Soldiers Injured in #GalwanValleyFaceOff 🤷🏻♀️🤷🏽♂️
All in Pranayama Posture
Who’s the Director of this Sanitised Stage - No Other Hospital Gear Visible #Leh_Ladakh #5thSchedule #India #ModiSurrendersToChina #StatueOfDisplacement #examscancelled pic.twitter.com/C2yqwRa3Kz
सेना की सफ़ाई
सेना ने इन आरोपों का ज़ोरदार खंडन करते हुए इसे 'दुष्टतापूर्ण' क़रार दिया है। सेना ने कहा है, जुलाई 3 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनरल अस्पताल के दौरे के बारे में 'दुष्टतापूर्ण' और 'बेबुनियाद' आरोप लगाए जा रहे हैं।सेना ने कहा, यह स्पष्ट किया जा रहा है कि यह जनरल अस्पताल का ही हिस्सा है और क्राइसिस एक्सपैन्सन के तहत 100 बिस्तर की फै़सिलिटी है।
सेना ने यह भी कहा कि ऑडियो वीडियो ट्रेनिंग के हॉल को ही वार्ड में तब्दील कर दिया गया था।
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