भारतीय सैन्य बल कोरोना महामारी से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अपने तरीके से शुक्रिया अदा करेगा।
इसके तहत भारतीय वायु सेना के हवाई जहाज़ फ़्लाई पास्ट करेंगे, समुद्र में तैनात जहाज़ों को रंगीन प्रकाश से सजाया जाएगा और अस्पतालों पर फूल बरसाए जाएंगे। यह सबकुछ 3 मई को होगा।
चीफ़ ऑफ़ डीफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत ने इसका एलान किया है। उन्होंने कहा, 'हम प्रत्येक कोरोना योद्धा और हर नागरिक को धन्यवाद अदा करना चाहते हैं। सेना के सभी तीनों अंग 3 मई को विशेष गतिविधियाँ करेंगे।' उन्होंने कहा,
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'राष्ट्र एकजुट खड़ा है, इसे संकट से बाहर निकलने में लचीलापन दिखाया है। इस देश में सारे लोग समझते हैं कि जब बात राष्ट्र पर आती है, सब एकजुट हो जाते हैं।'
जनरल बिपिन रावत, चीफ़ ऑफ़ डीफेंस स्टाफ़
- इसलिए वायु सेना के हवाई जहाज़ कश्मीर से कन्याकुमारी और असम से लेकर गुजरात के कच्छ तक फ्लाइ पास्ट करेंगे।
- श्रीनगर से त्रिवेंद्रम तक एयरफोर्स फ्लाई पास्ट करेगी। इसमें 6 विंग एयरक्राफ्ट और फ़ाइटर एयरक्राफ़्ट शामिल होंगे।
- दूसरा फ्लाई पास्ट असम के डिब्रूगढ़ से गुजरात के कच्छ तक होगा।
- इसी दौरान नौसेना कृतज्ञता दिखाने के लिए अपने जहाज़ों को रंगीन रोशनियों से सजाएगा।
- सेना के हेलीकॉप्टर अस्पतालों पर फूल बरसाएंगे।
- सेना के जवान देश के हर ज़िले के कुछ अस्पतालों में माउंटेन बैंड डिस्प्ले करेंगे।
- सेना के जवान तीन मई को पुलिस बलों के समर्थन में पुलिस मेमोरियल पर श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।
याद दिला दें कि इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में देश की एकजुटता दिखाने के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे 9 दिए जलाने को कहा था। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा था कि रविवार की रात 9 बजे 9 मिनट के लिए सारी बत्तियाँ बुझा दी जाएँ और दीये या मोमबत्तियाँ जलाई जाएँ।
मोदी ने कहा था, ‘इस रविवार को 5 अप्रैल को हम सबको मिलकर कोरोना को चुनौती देनी है। हमें 5 अप्रैल को 130 करोड़ देशवासियों की महाशक्ति का जागरण करना है। 5 अप्रैल रविवार को रात 9 बजे मैं आप सबके 9 मिनट चाहता हूं। रात 9 बजे घर की लाइट बंद करके, दरवाजे या बालकनी पर खड़े रहकर मोबाइल की फ़्लैश लाइट, टॉर्च, दीपक, मोमबत्ती ज़रूर जलाएं।’
इसके भी पहले प्रधानमंत्री ने अपील की थी कि स्वास्थ्य कर्मियोें के प्रति आभार जताने के लिए अपने बालकनी में या छत पर जा कर तालियाँ बजाएं। मोदी की इन दोनों ही अपीलों का ज़बरदस्त असर हुआ था।
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