वेब सिरीज 'तांडव' के मामले में एमेजॉन प्राइम इंडिया की क्रिएटिव हेड अपर्णा पुरोहित को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। अदालत ने कहा है कि अपर्णा पुरोहित को गिरफ़्तार नहीं किया जाएगा। अदालत ने कहा कि वह जांच में सहयोग करें। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह फ़ैसला दिया है।
कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित की अग्रिम ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया था। नोएडा में दर्ज एक एफ़आईआर में अपर्णा पर धार्मिक विद्वेष फैलाने और एक पूजा स्थल को अपवित्र करने के आरोप लगाए गए हैं।
बता दें कि ओटीटी प्लेटफ़ॉर्म एमेजॉन पर दिखा गई वेब सिरीज़ 'तांडव' को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। 'तांडव' के निर्माताओं पर हिन्दू देवी-देवताओं को अपमानित करने और हिन्दुओं की भावनाएं भड़काने के आरोप लगाए गए। इसके निर्माता-निर्देशक, अभिनेता और एमेज़ॉन के ख़िलाफ़ कई जगहों पर मामले दर्ज कराए गए थे।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज जस्टिस सिद्धार्थ ने कहा था, “याचिकाकर्ता का व्यवहार दिखाता है कि नियम-क़ानून के प्रति उनके मन में कोई सम्मान नहीं है, उनका व्यवहार इस लायक नहीं है कि उन्हें कोई राहत दी जाए।”
जज ने 20 पेज के आदेश में कहा था कि जिस तरह का काम याचिकाकर्ता और दूसरे सह-अभियुक्तों ने किया है, वैसा जब देश के नागरिक करते हैं और सड़कों पर उतर कर धरना-प्रदर्शन करते हैं तो विदेशों में यह संकेत जाता है कि भारत काफी असहिष्णु हो गया है और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी होती है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय को मिली शिकायतों के बाद 'तांडव' की टीम और एमेज़ॉन प्राइम वीडियो के प्रतिनिधियों के बीच वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिये बातचीत हुई थी। इसके बाद एमेज़ॉन ने विवादित सीन को हटाने का फ़ैसला किया था।
'तांडव' के निर्देशक अली अब्बास ज़फर ने एक बयान जारी कर कहा था कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था और वे एक बार फिर इसके लिए लोगों से माफी मांगते हैं।
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