खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह को नेपाल ने अपनी निगरानी सूची में डाल दिया है। भारत ने इसके लिए नेपाल से अनुरोध किया था। भारत ने नेपाल से अनुरोध किया था कि वो अमृतपाल सिंह खालसा को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दे। अगर वो भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।
नेपाल के इमीग्रेशन विभाग ने काठमांडू में भारतीय दूतावास के अनुरोध के बाद अमृतपाल को अपनी निगरानी सूची में डाल दिया है।
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नेपाल इमीग्रेशन विभाग के सूचना अधिकारी कमल प्रसाद पांडे ने कहा- हमें भारतीय दूतावास से उसके पासपोर्ट की एक प्रति के साथ एक लिखित नोट मिला है, जिसमें संदेह जताया गया है कि अमृतपाल सिंह नेपाल में प्रवेश कर सकता है। भारतीय दूतावास ने एक नोट भेजा है जिसमें विभाग को एक अलगाववादी समूह के सदस्य अमृतपाल सिंह को निगरानी सूची में डालने के लिए कहा गया है।
नेपाल सरकार का यह कदम ऐसे दिन आया है जब अमृतपाल की उनके सहयोगी पापलप्रीत सिंह के साथ नई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आईं, जबकि उसके एक और करीबी सहयोगी को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था।
18 मार्च को पंजाब में अमृतपाल और उसके संगठन वारिस पंजाब दे के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई थी। उसी समय से अमृतपाल का पता नहीं चल पाया है।
हालांकि नेपाल में काठमांडू पोस्ट अखबार ने पहले बताया था कि काठमांडू में भारतीय दूतावास ने शनिवार को वाणिज्य दूतावास विभाग को एक पत्र लिखकर सरकारी एजेंसियों से भगोड़े को गिरफ्तार करने का अनुरोध किया था।
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सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया था कि अमृतपाल पश्चिमी नेपाल के कपिलवस्तु से देश में प्रवेश कर सकता है, ऐसे में सीमावर्ती इलाके में सादे कपड़ों में पुलिस ने चौकसी बढ़ा दी है।
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