मोदी कैबिनेट में कौन शामिल होगा और कौन नहीं, इसे लेकर पूरे देश में चर्चाओं का दौर जारी है। सबसे बड़ा सस्पेंस बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को लेकर था, लेकिन गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष जीतू वघानी के ट्वीट के बाद यह सस्पेंस ख़त्म हो गया है। जीतू वघानी ने ट्वीट कर शाह को मंत्रिमंडल में शामिल होने की बधाई दी है। इस बात के जोरदार कयास लगाए जा रहे हैं कि शाह को केंद्र में वित्त या गृह मंत्रालय दिया जा सकता है।
लेकिन पार्टी के सामने चुनौती यह है कि वह शाह की जगह पर किसे नया अध्यक्ष बनाए। क्योंकि पिछले पाँच सालों में शाह ने जिस तरह पार्टी संगठन को देश के कोने-कोने तक खड़ा किया है, उनके मुक़ाबले का अध्यक्ष चुनना निश्चित रूप से पार्टी के लिए बेहद मुश्किल होगा। शाह के मोदी कैबिनेट में आने की स्थिति में पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे जेपी नड्डा और पेट्रोलियम मंत्री रहे धर्मेंद्र प्रधान का नाम बीजेपी अध्यक्ष पद के दावेदारों के तौर पर लिया जा रहा है।
बता दें कि मंत्रिमंडल के गठन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच कई दिनों से बैठक हो रही है। लेकिन अब बताया जा रहा है कि शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम फ़ाइनल किये जा चुके हैं और उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से संपर्क किया गया है।पिछली सरकार में गृह मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल चुके राजनाथ सिंह को इस बार स्पीकर बनाए जाने की चर्चा है। विदेश और रक्षा मंत्रालय के लिए नितिन गडकरी व निर्मला सीतारमण के नाम की चर्चा है। सुषमा स्वराज मंत्रिमंडल में शामिल होंगी या नहीं, इसे लेकर सस्पेंस है। पीयूष गोयल को रेल मंत्रालय और स्मृति ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय दिया जा सकता है।
इन नेताओं के अलावा मुख़्तार अब्बास नक़वी, प्रकाश जावड़ेकर, रविशंकर प्रसाद, नरेंद्र सिंह तोमर, धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, गिरिराज सिंह, आरके सिंह, वीके सिंह, डॉ. महेश शर्मा, रामविलास पासवान, अनुप्रिया पटेल, राज्यवर्धन सिंह राठौर, अर्जुन सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत और रामदास आठवले के भी कैबिनेट में शामिल होने की चर्चा है।
बता दें कि पिछली सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने इस बार सरकार में शामिल न होने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपने ख़राब स्वास्थ्य का हवाला दिया है।
पिछली सरकार में जनता दल यूनाइटेड की ओर से सरकार में कोई मंत्री नहीं था। लेकिन इस बार जेडीयू भी सरकार का हिस्सा बनेगी। ऐसी अटकलें हैं कि उसे मंत्रिपरिषद में 2 सीटें मिल सकती हैं। जेडीयू से आरसीपी सिंह और सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ़ लल्लन सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है।पिछली सरकार में शिवसेना की ओर से अंनत गीते एकमात्र मंत्री थे। देखना होगा कि इस बार शिवसेना से किसे मंत्री पद मिलता है।
लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में किसे मंत्री पद मिलेगा, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है। एलजेपी मुखिया राम विलास पासवान और उनके सांसद बेटे चिराग पासवान में से किसी एक को मंत्री पद मिल सकता है।
अपना दल की ओर से अनुप्रिया पटेल का फिर से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। अकाली दल से सुखबीर सिंह बादल और उनकी पत्नी हरसिमरत कौर में से किसी एक को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
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