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आतंकवाद को किसी भी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए: शाह 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा है कि आतंकवाद को किसी भी धर्म, समूह या राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का वित्त पोषण करना आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है। 

अमित शाह नई दिल्ली में ‘नो मनी फॉर टेरर’ पर आयोजित एक मंत्री स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लगातार नए तरीके खोज रहे हैं और अपनी पहचान को छुपाने के लिए डार्कनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि निसंदेह आतंकवाद पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है लेकिन आतंकवाद का वित्तपोषण करना आतंकवाद से ज्यादा बड़ा खतरा है क्योंकि आतंकवाद के ‘मीन्स एंड मेथड’ को इसी फंड से पोषित किया जाता है। 

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उन्होंने कहा कि दुनिया के सभी देशों के अर्थ तंत्र को कमजोर करने का काम भी आतंकवाद के वित्त पोषण या फंडिंग से होता है। 

बिना नाम लिए पाकिस्तान पर हमला करते हुए शाह ने कहा कि कुछ ऐसे देश भी हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर या बाधित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमने देखा है कि कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवादियों को शरण देते हैं, आतंकवादियों को शरण देना आतंकवाद को बढ़ावा देने जैसा ही है। उन्होंने कहा कि यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है कि इस तरह के तत्व अपने इरादों में कभी भी सफल ना हों। 

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शाह ने कहा कि भारत कई दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और यह सीमा-पार से प्रायोजित है। भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों को आतंकवादी हिंसा की घटनाओं से जूझना पड़ा है। शाह ने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण की समस्या व्यापक हो चुकी है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में भारत ने आतंकवाद के वित्त पोषण पर नकेल कसने में सफलता हासिल की है। शाह ने कहा कि आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ भारत की रणनीति इन छह स्तंभों पर आधारित है। 
  • लेजिस्लेटिव और टेक्नोलॉजिकल फ्रेमवर्क को मजबूत करना।
  • व्यापक मॉनिटरिंग फ्रेमवर्क का निर्माण करना। 
  • सटीक इंटेलिजेंस साझा करने का तंत्र पुख्ता करना, इन्वेस्टीगेशन एवं पुलिस ऑपरेशन्स को मजबूत करना। 
  • संपत्ति की जब्ती का प्रावधान और उसका उपयोग करना।
  • कानूनी संस्थाओं और नई तकनीकों का दुरुपयोग रोकना। 
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एवं समन्वय स्थापित करके इसके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लड़ाई को मजबूती देना।
गृह मंत्री ने कहा कि वैश्विक समुदाय को "नो मनी फॉर टेरर" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टेरर फाइनेंसिंग के “मोड – मीडियम – मेथड” को समझकर, उन पर कड़ा प्रहार करने में ‘वन माइंड, वन एप्रोच’ के सिद्धांत को अपनाना होगा।
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पाकिस्तान नहीं ले रहा भाग

‘नो मनी फॉर टेरर’ कॉन्फ्रेंस में दुनिया भर के 78 देश भाग ले रहे हैं लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान इसमें भाग नहीं ले रहा है। एनआईए के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस 18 और 19 नवंबर यानी 2 दिन तक चलेगी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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