केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि चुनाव के ठीक बाद महिला आरक्षण विधेयक को लागू करने के लिए जनगणना कराई जाएगी। सदन से बिल को सर्वसम्मति से पारित करने की अपील करते हुए अमित शाह ने लोकसभा सदस्यों से पूछा, 'अगर आप महिला कोटा का समर्थन नहीं करते हैं तो क्या ओबीसी, मुस्लिम आरक्षण जल्दी होगा?'
अमित शाह का यह बयान तब आया है जब महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में चल रही बहस के बीच विपक्षी दल कोटा के भीतर कोटा की अपनी मांग पर अड़े रहे। कांग्रेस पार्टी के लिए बहस की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने विधेयक को पार्टी का समर्थन दिया, लेकिन कहा, 'अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी की महिलाओं के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए जाति जनगणना होनी चाहिए'। राहुल गांधी ने भी कहा कि यह ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण के बिना एक अधूरा विधेयक है। राहुल के बाद अमित शाह ने भी सदन को संबोधित किया और विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि महिला आरक्षण विधेयक का पारित होना नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा।
HM Shri @AmitShah speaks on 'Nari Shakti Vandan Adhiniyam' in Lok Sabha. https://t.co/zdgqu5eDNB
— BJP (@BJP4India) September 20, 2023
गृहमंत्री शाह ने लोकसभा में कहा, 'सोशल मीडिया पर कुछ लोग कह रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें ओबीसी, मुस्लिमों का आरक्षण नहीं है। अगर आप इस बिल का समर्थन नहीं करेंगे तो क्या आरक्षण जल्दी होगा?' उन्होंने लोकसभा में कहा कि अगर आप इस बिल का समर्थन करते हैं तो कम से कम गारंटी होगी।
उन्होंने इशारों में ओबीसी के लिए प्रावधान नहीं किए जाने का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'सांसद वर्तमान में सामान्य, एससी, एसटी की 3 श्रेणियों में चुने जाते हैं; हमने उनमें से प्रत्येक में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित की हैं।'
शाह ने कहा, 'कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा या चुनावी लाभ का साधन हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता पीएम मोदी के लिए यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मान्यता का मामला है।' उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी के शपथ लेने के बाद से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान, समान भागीदारी सरकार की जीवन शक्ति रही है।'
अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला किया और कहा, 'वे सोचते हैं कि देश सचिवों द्वारा चलाया जाता है। मुझे लगता है कि सरकार देश चलाती है।' उन्होंने कहा कि 'भाजपा के 85 ओबीसी सांसद हैं, 29 ओबीसी मंत्री हैं और यह भाजपा ही थी जिसने एक ओबीसी पीएम दिया।' बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ने ओबीसी सचिवों की संख्या को लेकर केंद्र पर निशाना साधा था और कहा था, 'भारत सरकार में 90 सचिव हैं। 90 में से कितने लोग ओबीसी समुदाय से आते हैं? जवाब सुनकर मैं हैरान हूँ। ..केवल तीन सचिव ओबीसी समुदाय से हैं।'
भारत सरकार के 90 सचिवों में से मात्र 3 सचिव ही OBC समुदाय के हैं। ये देश के बजट के बस 5% के ज़िम्मेदार हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 20, 2023
2019 में एक भी सचिव OBC नहीं थे!
सरकार Women’s Reservation Bill को आज ही लागू करे। और, प्रधानमंत्री जी, Caste Census से डरो मत! pic.twitter.com/ZR256VAbC7
विपक्ष ने विधेयक के उन हिस्सों की आलोचना की है जिसमें कहा गया है कि जनगणना और फिर परिसीमन के बाद ही कोटा लागू किया जाएगा।
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी विपक्ष की ओर से बहस की शुरुआत की। सोनिया ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि 'ये बिल राजीव गांधी का सपना है..इस बिल के पास होने से हमें खुशी होगी। यह मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है।' उन्होंने कहा कि 'भारतीय महिला में समुद्र की तरह धैर्य है। उन्होंने नदी की तरह सभी की भलाई के लिए काम किया है। महिलाओं के धैर्य की सीमा का अनुमान लगाना कठिन है, वे कभी आराम करने के बारे में नहीं सोचती हैं।' दरअसल, नए महिला कोटा बिल में ओबीसी महिलाओं को कोई आरक्षण नहीं दिया गया है। यह अब बहस का मूल मुद्दा बनने जा रहा है। इस मुद्दे को अभी तक सपा और लालू यादव की आरजेडी ही उठा रहे थे, लेकिन अब कांग्रेस ने भी इस पर साफ़ रुख अपनाया है।
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