केंद्र सरकार ने नागालैंड, असम और मणिपुर के कुछ ज़िलों से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम यानी अफस्पा (AFSPA) को हटाने का फ़ैसला किया है। इस फ़ैसले को पूर्वोत्तर राज्यों में एक सदभाव का माहौल बनाने के केंद्र के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को घोषणा की कि नागालैंड, असम और मणिपुर में विवादास्पद अफस्पा के तहत आने वाले क्षेत्रों को दशकों बाद कम किया जाएगा।
In a significant step, GoI under the decisive leadership of PM Shri @NarendraModi Ji has decided to reduce disturbed areas under Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) in the states of Nagaland, Assam and Manipur after decades.
— Amit Shah (@AmitShah) March 31, 2022
पिछले साल नागालैंड के मोन ज़िले में एक दर्जन से अधिक नागरिकों की हत्या के बाद अफस्पा को हटाने के लिए पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में जोरदार मांग उठी है और इसी की पृष्ठभूमि में यह फ़ैसला आया है। रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि यह फ़ैसला एक अप्रैल से लागू हो सकता है।
असम के 23 ज़िलों से पूरी तरह और एक ज़िले से आंशिक तौर पर अफस्पा हटा दिया जाएगा। राज्य में 1990 से अफस्पा लागू है। मणिपुर के छह ज़िलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों को अधिनियम के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसी तरह नागालैंड के सात ज़िलों के 15 थाना क्षेत्रों को अफस्पा से बाहर रखा जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि अफस्पा के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में कमी इसलिए लायी जा रही है कि उग्रवाद को ख़त्म करने और पूर्वोत्तर में स्थायी शांति लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार प्रयासों और कई समझौतों के कारण बेहतर सुरक्षा स्थिति हुई है और तेजी से विकास हुआ है।
उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी की अटूट प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद, हमारा पूर्वोत्तर क्षेत्र, जो दशकों से उपेक्षित था, अब शांति, समृद्धि और अभूतपूर्व विकास के एक नए युग का गवाह बन रहा है। मैं इस महत्वपूर्ण अवसर पर पूर्वोत्तर के लोगों को बधाई देता हूं।'
अफस्पा पर लिए गए फ़ैसले का स्वागत करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि राज्य का लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्र अब अफस्पा के दायरे से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने ट्वीट किया, 'अफस्पा 1990 से लागू है और यह क़दम असम के भविष्य में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह राज्य में क़ानून और व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधार का प्रमाण है।'
AFSPA has been in force since 1990 & this move marks the beginning of a new chapter in Assam’s future.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) March 31, 2022
It is a testimony to the significant improvement in law & order in the State.
With peace getting primacy, North East is now on a new trajectory of growth & development. 2/3
नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि वह इस क़दम के लिए भारत सरकार के आभारी हैं। रियो ने ट्वीट किया, 'पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण क़दम है।'
Grateful to GoI under the leadership of @PMOIndia Shri @narendramodi ji & @AmitShah ji for reducing disturbed areas under AFSPA in the states of Nagaland, Assam & Manipur. This is a significant development towards bringing stability, security & prosperity to the North East region https://t.co/Q81CnpkK0O
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) March 31, 2022
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इसे ऐतिहासिक निर्णय क़रार दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत मजबूत विकास और बेहतर सुरक्षा स्थिति का परिणाम है। उन्होंने ट्वीट किया, 'इस फ़ैसले से मणिपुर में एक बार फिर शांति, समृद्धि और विकास का नया युग शुरू होगा।'
Mananiya Pradhan Mantri Shri @narendramodi Ji ko Koti Koti Naman.🙏🏼
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) March 31, 2022
Considering the sentiment of the people of Manipur, Assam and Nagaland, the Hon’ble PM Shri @narendramodi Ji has decided to reduce disturbed areas under Armed Forces Special Powers Act (AFSPA) pic.twitter.com/mPZIzEV0Pb
बता दें कि सरकार ने पिछले साल मोन हत्याकांड के मद्देनजर नागालैंड से अफस्पा हटाने की मांग पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया था। समिति को इसी महीने अपनी रिपोर्ट देनी थी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रिपोर्ट सौंपी गई है या नहीं।
2004 में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित जीवन रेड्डी समिति ने अफस्पा को निरस्त करने की सिफारिश की थी। इसके बाद मामले की जांच के लिए कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि, मोदी सरकार ने रेड्डी समिति की सिफारिशों को खारिज कर दिया और कैबिनेट उप-समिति को भी भंग कर दिया गया था।
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